मीठे बोल बोले, बोले पायलिया- किनारा १९७७
अपराध बोध से ग्रस्त नायक नायिका को, जो कि एक दुर्घटना में
अपने नेत्रों की ज्योति खो चुकी है , नृत्य का प्रशिक्षण दे रहा है।
जीतेंद्र को रफी और किशोर के गीतों पर होंठ हिलाते तो बहुत देखा।
इस फ़िल्म में भूपेंद्र के गीतों पर उनको गाते देखना एक नया अनुभव
रहा। जीतेन्द्र इसके पूर्व गुलज़ार की परिचय फ़िल्म में काम कर चुके
हैं और उस फ़िल्म में भूपेंद्र का गाया गीत फिल्माया गया था संजीव
कुमार पर। फिल्म किनारा के इस गीत में लता की आवाज़ भी है।
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गाने के बोल:
मीठे बोल बोले, बोले पायलिया
मीठे बोल बोले, बोले पायलिया
मीठे बोल बोले, बोले रे बोले पायलिया
मीठे बोल बोले, बोले पायलिया
छूम-छनन बोले, झनक-झन बोले
छूम-छनन बोले, झनक-झन बोले
मीठे बोल बोले, बोले पायलिया
मीठे बोल बोले पायलिया
मीठे बोल बोले
मीठे बोल बोले
पग पग नाचे रे
पग पग नाचे रे, घुंघरु की दासी
पग पग नाचे रे, घुंघरु की दासी
इक पग राधा जैसी, इक पग मीरा जैसी
इक पग राधा जैसी, इक पग मीरा जैसी
सांवरे की बोली बोले
पायलिया बोले
मीठे बोल बोले, बोले पायलिया
मीठे बोल बोले
छूम-छनन बोले, झनक-झन बोले
छूम-छनन बोले, झनक-झन बोले
मीठे बोल बोले, बोले पायलिया
मीठे बोल बोले पायलिया
मीठे बोल
नैनों की बाँसुरी
नैनों की बाँसुरी, आ आ
नैनों की बाँसुरी, कोई सुनाए
नैनों की बाँसुरी, कोई सुनाए
अँखियों की ज्योति से, ज्योति जलाए
अँखियों की ज्योति से, ज्योति जलाए
बावरी सी डोले डोले
पायलिया बोले
मीठे बोल बोले, बोले पायलिया
मीठे बोल बोले
हाँ, छूम-छनन बोले, झनक-झन बोले
छूम-छनन बोले, झनक-झन बोले
छूम-छनन बोले, झनक-झन बोले
मीठे बोल बोले, बोले पायलिया
मीठे बोल बोले
मीठे बोल बोले
बोले रे बोले रे बोले पायलिया
मीठे बोल बोले
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