चाँद चल तू ज़रा धीमे-वो जो हसीना १९८३
किशोर कुमार कि आवाज़ में दर्द सहज ही उभर के आता था ।
ये खूबी अगर किसी और आवाज़ में अधिक मात्रा में थी तो वो
थी मुकेश की आवाज़। उनके गाये दर्द भरे गीतों में मुझे ये भी
पसंद है जो फिल्म 'वो जो हसीना' से है। गीत परदे पर गा रहे हैं
अभिनेता प्राण। संगीत है विजय पाटिल (राम लक्ष्मण ) का।
गीत लिखा है रवीन्द्र रावल ने। गीत को आप एक दर्दीली लोरी
कह सकते हैं।
गीत के बोल:
काश मेरे जीवन में कोई
ऐसा भी दिन आये
हंस कर भीगे नैना निहारे
तू डोली में जाए
मेरी गुडिया रानी सो जा
मीठे सपनों में तू खो जा
बोले ये रैन सुहानी
तू सो जा लाडली
चाँद चल तू ज़रा धीमे धीमे
जाने क्या आया गुडिया के जी में
ना सोये लाडली
तू सो जा ....
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