दूर दूर तुम रहे-चलते चलते १९७६
बप्पी लहरी की प्रतिभा संगीत भक्तों ने ज्यादा टटोलने का
प्रयास नहीं किया, ऐसा हम बार बार दोहराते रहेंगे जब तक
की उनकी कर्णप्रिय धुनों से आपका परिचय पूरी तरह से नहीं
करवा दिया जाता।
आइये एक गीत सुने जिसमे नायक शायद कायम चूर्ण की
ज्यादा मात्र लेकर कुछ परेशान सा है। नायिका उसको एक
मधुर गीत गा कर रोकने का प्रयास कर रही है। नायक की
भाव भंगिमाओं से लगता है उसका हाजमा वाकई ख़राब है
और वो घर के किसी विशेष स्थान को जाने को बेहद उत्सुक
है। ३ मिनट तक नायक, नायिका की संगीतमय कलाबाजियों
को झेलता है और उसके बाद "दाद खाज खुजली खुजली हटाओ
हटाओ" वाले अंदाज़ में नायिका को एक थप्पड़ मार के चुप
कराता है। आनंद उठाइए इस मधुर गीत का जिसे लिखा है
अमित खन्ना ने और गाया है लता मंगेशकर ने। नायक
हैं विशाल आनंद और नायिका हैं गलती से बॉलीवुड में पैदा
हो गयीं अभिनेत्री सिम्मी ग्रेवाल। उनको हालीवुड में होना
चाहिए था।
गीत के बोल:
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आ कर बाहों में
समा कर आहों में
अब यूं नज़र को चुराओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आज रात को हुस्न इश्क हो
फिर बुला रहा है
फिर बुला रहा है
आग पानी में
किस प्यार से
फिर मिला रहा है
फिर मिला रहा है
फिर से वो प्यारे बहार के दिन
आज तुम, ले आओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाहों में
समा कर आहों में
अब यूं नज़र को चुराओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
हम्म हम्म......
चलते चलते कहीं
बीच राह मैं
खो गए थे तुम
खो गए थे तुम
प्यार में खो कर
हमारे ही हो कर
हो गए थे गुम
हो गए थे गुम
प्यासी तुम्हारी कब से हूँ मैं
अब तुम तरसाओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात तुम जाओ ना
आकर बाहों में
समा कर आहों में
अब यूं नज़र को चुराओ ना
दूर दूर तुम रहे
पुकारते हम रहे
आज की रात
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