सपनों के शहर-अहसास १९७९
बिनाका गीतमाला से याद आया एक और गीत। जो फ़िल्में
साल के उत्तरार्ध में रिलीज़ होती उनके गीत अक्सर ही
अगले साल की गीतमाला में बजा करते। अहसास भी एक ऐसी
फिल्म थी, जिसका गीत १९७९ से बजना शुरू होके १९८० तक की
बिनाका गीतमाला में बजा। १९८० में ये गीत १८ वें स्थान पर
पहुंचा। किशोर कुमार के गाये इस कर्णप्रिय गीत की धुन बनाई
है बप्पी लहरी ने। इस गीत में आपको नए चेहरे दिखाई देंगे। ये
फिल्म किशोरवय प्रेमकथा के इर्द गिर्द घूमती है। निर्माता जी पी
का शोले फिल्म के बाद ये छोटा सा धमाका था। नायिका को
अन्तः वस्त्रों में दिखाया जाना शायद इस फिल्म का USP था।
उस समय इस प्रकार के दृश्य फिल्मों में ढूंढें से नहीं मिला करते
थे। आज के समय के हिसाब से ये सामान्य बात है । १९७९ में
शायद ऐसे दृश्य करने में बड़ी से बड़ी हिरोइन के पसीने छूटते थे।
हीरो हिरोइन के नाम आपको पता चल जाएँ तो अपने आप को
खुशकिस्मत समझिये। इस फिल्म में गुमनाम मुख्या कलाकारों
के अलावा शशि कपूर, चाँद उस्मानी, दीना पाठक, सिमी ग्रेवाल
और अमजद खान जैसे कलाकार भी हैं।
गीत के बोल:
सपनों के शहर हम बनायेंगे घर
पल भर में यह बना, यह गिरा
सपनों के शहर हम बनायेंगे घर
चांदी का रंग हीरे का रूप,
घर पर मेरे सोने की धूप
कल तक जो था होगा ना कल,
दिल का मेरा शीशमहल
खो गयी रौशनी,
सपनों के शहर हम बनायेंगे घर
क्यूँ हो जुदा मुझसे खफा,
आ जाओ तुम ना दो सजा
मौसम हँसे, गुलशन हँसे,
घर पर मेरे आंगन हँसे
रो रहा दिल मेरा,
सपनों के शहर हम बनायेंगे घर
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