मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना-चन्द्रकांता १९५६
आज इस दशाब्दी का पहला सूर्य ग्रहण है। सूर्य ग्रहण के दिन
सारे चाँद वाले गाने याद आ रहे हैं। कम्पूटर भी शायद चाँद को
याद कर रहा है। ऐसे समय बहुत से गीत याद आ रहे हैं, जो सबसे
पहले याद आया वो प्रस्तुत है इधर, फिल्म चन्द्रकान्ता से जो सन
१९५६ में आई थी। भारत भूषण और बीना राय इस फिल्म के
प्रमुख कलाकार हैं। फिल्म का निर्देशन जी पी सिप्पी ने किया था।
ये जी पी सिप्पी शोले फिल्म वाले हैं। फिल्म में संगीत एन दत्ता
का है और बोल लिखे हैं साहिर लुधियानवी ने। साहिर के बारे में कहा
जाता है कि वे गाना कैसा बन रहा है उसपर नज़र रखा करते थे,
शायद इसी वजह से उनके लिखे अधिकांश गीत हमें मधुर सुनाई देते
हैं। कभी कभी उनका दखल ज्यादा हो जाया करता था। जिस संगीतकार
को उनके इस स्वाभाव से कोई शिकायत नहीं थी वे उनके साथ लगातार
काम करते रहे। एन दत्ता ऐसा ही एक नाम है। ये एक निराशावादी गीत
है और कई मदिराप्रेमियों को मैंने सुरूर में आने के बाद इसको सुनते हुए
देखा है।
गीत के बोल:
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी
मुझको रातों की सियाही के सिवा कुछ ना मिला
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी
मैं वो नगमा हूँ जिसे प्यार कि महफ़िल ना मिली
मैं वो नगमा हूँ जिसे प्यार कि महफ़िल ना मिली
वो मुसाफिर हूँ जिसे कोई भी मंजिल ना मिली
वो मुसाफिर हूँ जिसे कोई भी मंजिल ना मिली
ज़ख्म पायें हैं बहारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी
किसी गेसू किसी आँचल का सहारा भी नहीं
किसी गेसू किसी आँचल का सहारा भी नहीं
रास्ते में कोई धुन्धला सा सितारा भी नहीं
रास्ते में कोई धुन्धला सा सितारा भी नहीं
मेरी नज़रों ने नज़ारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों कि तमन्ना की थी
मुझको रातों की सियाही के सिवा कुछ ना मिला
मैंने चाँद और सितारों कि तमन्ना की थी
मेरी राहों से जुदा हो गयीं राहें उनकी
मेरी राहों से जुदा हो गयीं राहें उनकी
आज बदली नज़र आती हैं निगाहें उनकी
आज बदली नज़र आती हैं निगाहें उनकी
जिनसे इस दिल ने सहारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी
प्यार माँगा तो सिसकते हुए अरमान मिले
प्यार माँगा तो सिसकते हुए अरमान मिले
चैन चाह तो उमड़ते हुए तूफ़ान मिले
चैन चाह तो उमड़ते हुए तूफ़ान मिले
डूबते दिल ने किनारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी
मुझको रातों की सियाही के सिवा कुछ ना मिला
मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी
0 comments:
Post a Comment