मैं सोया अँखियाँ मीचे-फागुन १९५८
फिल्म: फागुन
वर्ष: १९५८
गीतकार: क़मर जलालाबादी
संगीतकार:ओ पी नय्यर
गायक: आशा, रफ़ी
कलाकार: भारत भूषण
राग: पीलू
ताल: केहेरवा
गीत के बोल:
मैं सोया अँखियाँ मीचे
तेरी जुल्फों के नीचे
दुनिया को भूल दीवानी
अब रहा ज़माना पीछे
मैं सोया अँखियाँ मीचे
हा आ
तेरी जुल्फों के नीचे
हा आ
दुनिया को भूल दीवानी
अब रहा ज़माना पीछे
हम्म
मैं सोया अँखियाँ मीचे
हा, आ, आ, आ आ आ आ आ आ आ
हा आ आ आ आ आ आ
ये कौन हसीं शरमाया
तारों को पसीना आया
हिरनी की ऑंखें लेकर
दिल कौन चुराने आया
दिल कौन चुराने आया
मैं सोयी अँखियाँ मीचे
अब चाहे कहीं भी ले जा
तू आगे और मैं और पीछे
मैं सोया अँखियाँ मीचे
हा, आ, आ, आ आ आ आ आ आ आ
हा आ आ आ आ आ आ
ये मेरे नैन कंवारे
तेरी अँखियाँ देख के हारे
ओ जनम जनम के साथी
मेरी मांग में भर दे तारे
मेरी मांग में भर दे तारे
मैं सोया अँखियाँ मीचे
हा, आ आ आ
तेरी जुल्फों के नीचे
दुनिया को भूल दीवानी
अब रहा ज़माना पीछे
मैं सोया अँखियाँ मीचे
हा, आ आ आ आ
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