Feb 17, 2010

पिया कैसे मिलूँ-सारंगा १९६०

पिछले गीत की पंक्तियाँ -"कागा सब तन खाइयो " सुन के
एक गीत याद आ गया। हालाँकि इस गीत का मूड पिछले गीत
से भिन्न है , मगर, ये है एक कर्णप्रिय गीत, फिल्म सारंगा से ।
इसे गाया है लता मंगेशकर और रफ़ी ने। भारत व्यास के बोलों
को सुरों में पिरोया है सरदार मलिक ने। गीत फिल्माया गया है
सुदेश कुमार और जयश्री गडकर पर। जयश्री गडकर अधिकतर
ऐतिहासिक और पौराणिक फिल्मों में ही दिखाई दीं।



गीत के बोल:

साजन ये मत जानियो
तो बिछड़े मोहे चैन
जैसे जल बिन माछली
तडपत हूँ दिन रैन

पत्ता टूटा डार से
ले गयी पवन उडाये
अब के बिछड़े कब मिलें
दूर पड़े हैं जाए
पिया कैसे मिलूँ तुझसे
मेरे पांव में पड़ी ज़ंजीर
ह्रदय में अग्नि सुलगे
नैनन से बरसे नीर
मेरे पांव पड़ी ज़ंजीर

दुनिया से है क्या शिकवा
मेरी रूठ गयी तकदीर
लाख जतन कर हार गया
सूझे ना कोई तदबीर
मेरी रूठ गयी तकदीर

पिया कैसे मिलूँ तुझसे
मेरे पांव पड़ी ज़ंजीर

दुनिया से है क्या शिकवा
मेरी रूठ गयी तकदीर

कैसे दूर करूं ये दूरी
समझ नहीं मैं पाती, जी ओ ओ ओ ओ
कैसे दूर करूं ये दूरी
समझ नहीं मैं पाती
जो मैं होती बन की चिड़िया
पंख लगा उड़ आती
उड़ने लगी थी उड़ ना सकी
किस्मत ने मारा तीर

पिया कैसे मिलूँ तुझसे
मेरे पांव पड़ी ज़ंजीर

दुनिया से है क्या शिकवा
मेरी रूठ गयी तकदीर

फूल मिले कम कांटे ज्यादा
बीज ये कैसा बोया, जी ओ ओ ओ ओ
फूल मिले कम कांटे ज्यादा
बीज ये कैसा बोया
मालिक तेरे जग में जिसने
प्यार किया वो रोया
आंसू के रंग में रंग डाली
प्यार की ये तस्वीर

पिया कैसे मिलूँ तुझसे
मेरे पांव पड़ी ज़ंजीर

दुनिया से है क्या शिकवा
मेरी रूठ गयी तकदीर

पिया कैसे मिलूँ तुझसे
मेरे पांव पड़ी ज़ंजीर

दुनिया से है क्या शिकवा
मेरी रूठ गयी तकदीर

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