आ के सीधी लगी दिल पे-हाफ टिकट १९६२
मूलतः ये गीत स्त्री और पुरुष आवाजों में रिकॉर्ड किया जाना था , जैसा
कि जानकारी और स्रोतों से पता चलता है। सलिल चौधरी शायद दुविधा
में थे कि गीत कौनसी गायिका गाएगी। ऐसे समय किशोर कुमार ने हल
सुझाया और दोनों का काम अकेले करते हुए आवाज़ बदल कर गीत गाया ।
गीत में फिल्म के नायक किशोर कुमार ने महिला का भेस धरा हुआ है।
गीत जनता द्वारा पसंद किया गया। इसके गीतकार हैं शैलेन्द्र और धुन
बनाई है सलिल चौधरी ने।
गीत के बारे में मुझे पहले इतनी जानकारी नहीं थी और मैं केवल अनुमान
लगता कि ये खरखरी सी आवाज़ में किशोर के साथ कौन गायक/गायिका
है ? पिछले गीत में आपने देखा कि प्राण किशोर कुमार का पीछा कर रहे हैं।
वो काम इस गीत में भी जारी है। ऐसा क्यूँ है ये बाकी के गीतों को प्रस्तुत
करते समय बताया जायेगा। पढ़ते रहिये.................
गीत के बोल:
आ के सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया
ओ संवरिया
ओये
आ के सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया
ओ संवरिया
ओये ओये
ओ तेरी तिरछी नजरिया
ले गई मेरा दिल तेरी जुल्मी नजरिया
ओ गुजरिया
ओये
ले गई मेरा दिल तेरी जुल्मी नजरिया
ओ गुजरिया
ओये ओये ओये
ओ जाने सारी नगरिया
आ के सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया
ओ संवरिया
मेरी गली आते हो क्यूँ बार बार
छेद छेद जाते हो क्यों दिल के तार
ओ सैयां ओ सैयां ओ सैयां
पडूं तोरे पैयाँ
मेरी गली आते हो क्यूँ बार बार
छेड़ छेड़ जाते हो क्यों दिल के तार
क्यां मैं करूं गोरी मुझे तुझसे है प्यार
जो ना तुझे देखू ना आये करार
हो गोरी हो गोरी हो गोरी
बढ़के बुधन तीरवी टकर
क्यां मैं करूं गोरी मुझे है तुझसे है प्यार
जो ना तुझे देखूं ना आये करार
हटो जाओ ना बनाओ
हटो जाओ हाय हाय ना बनाओ
होए होए
नटखट रंगीले संवरिया
आ के सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया
ओ संवरिया
हाय हाय
ले गई मेरा दिल तेरी तिरछी नजरिया
ओ गुजरिया
पीचे पीछे आते हो क्यों दिल के चोर
मान जाओ वरना मचा दूँगी शोर
बचाओ, ओ मुवे ओ मुर्गे ओ कौवे
पीछे पीछे आते हो क्यों दिल के चोर
मान जाओ वरना मचा दूँगी शोर
पहले तो बांधी निगाहों की डोर
अब हमसे कहती हो चल पीछा छोड़
ओ गोरी ओ नटखट ओ खटपट ओ पनघट ओ झटपट
पहले तो बाँधी निगाहों की डोर
अब हमसे कहती हो चल पीछा छोड़
तोरे नैना ओ मीठे बैना
ओ तोरे नैना, हाय हाय, मीठे बैना, होए होए
मुझको बना गए बावरिया
आ के सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया
ओ संवरिया
ओये ओये
ओ तेरी तिरछी नजरिया
ले गई मेरा दिल
तेरी जुल्मी नजरिया ओ गुजरिया
होए होए
जाने सारी नगरिया
आ के सीधी लगे दिल पे जैसे कटरिया
ओ संवरिया
ओ गुज़रिया
ओ संवरिया
ओ गुजरिया
ओ संवरिया
आंय आंय आंय
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Aa ke seedhi lagi dil pe-Half Ticket 1962
Artists: Kishore KUmar, Pran
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