झिर झिर बरसे सावनी अँखियाँ -आशीर्वाद १९६८
इसकी धुन खुशनुमा सी है। फिल्म आशीर्वाद में इसे परदे
पर गा रही हैं सुमिता सान्याल नाम की अभिनेत्री जिन्होंने इस
फिल्म में जोगी ठाकुर(अशोक कुमार) की बिट्टो की भूमिका
निभाई है । अपने फ़िल्मी सांवरिया(संजीव कुमार) की प्रतीक्षा
में वे ये गीत गा रही हैं। रिकॉर्ड पर गीत बज रहा है उसके साथ
वे गाना शुरू कर देती हैं।
गीत गुलज़ार का है और संगीत वसंत देसाई का। गायिका हैं
लता मंगेशकर।
गीत के बोल:
झिर झिर बरसे सावनी अँखियाँ
संवरिया घर आ
संवरिया घर आ
तेरे संग सब रंग बसंती
तुझ बिन सब सूखा
संवरिया घर आ
रेशमी बुंदियाँ तन पे मारे
रेशमी बुंदियाँ तन पे मारे
छेड़ करे भीगी बौछारें
छेड़ करे भीगी बौछारें
मानत ना,
मानत ना जियरा
संवरिया घर आ
संवरिया घर आ
झिर झिर बरसे सावनी अँखियाँ
संवरिया घर आ
संवरिया घर आ
बावरी बिरहन
बावरी बिरहन कल ना पाए
बावरी बिरहन कल ना पाए
पल बीते जैसे जुग जाए
पल बीते जैसे जुग जाए
कैसे कटे बिरहा
कैसे कटे बिरहा
संवरिया घर आ
संवरिया घर आ
झिर झिर बरसे सावनी अँखियाँ
संवरिया घर आ
संवरिया घर आ
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Rimjhim barse sawani ankhiyan-Aashirwad 1968
Artists-Sumita Sanyal, Sanjeev Kumar
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