मचल मचल जाता है दिल-राम तेरे कितने नाम १९८५
जिसपर हमने बहुत दिनों से चर्चा नहीं की है। इनका नाम है रेखा । मटके
पर पतली डंडियों को टपटपाने से जो आवाज़ निकलती है वैसी ही कुछ
ताल से ये गीत चालू होता है।
रेखा के साथ इस गीत में में हैं सूटेड-बूटेड संजीव कुमार। रेखा के अभिनय
में ८० के दशक में बहुत निखर आया। हिंदी सिनेमा के एक महानायक के
संपर्क में आने के बाद उनके लुक्स में भी बदलाव आया। आमूलचूल परिवर्तन
तब हुआ जब उन्होंने योग करना शुरू किया। इससे उनके चेहरे की कांति
भी कई गुना बढ़ गई। गीत लिखा है गुलशन बावरा ने, इनका भी गीत सुने
हमें काफी अरसा हो गया। संगीत है छोटे बर्मन साहब का।
गीत के बोल:
मचल मचल जाता है दिल
हो ओ, मचल मचल जाता है दिल
सोच कल की बातें
मचल मचल जाता है दिल
सोच कल की बातें
अब तो अपने ही दिन होंगे
होंगी अपनी रातें
हो रातें
मचल मचल जाता है दिल
तू क्या जाने तेरे बिन वो
दिन कैसे बीते
हो ओ ओ ,तू क्या जाने तेरे बिन वो
दिन कैसे बीते
एक तेरी आस थी वरना
हम नहीं जीते
मैं हूँ रानी तू है राज्जा
हो, मैं हूँ रानी तू है राजा
तारों की बारातें
अब तो अपने ही दिन होंगे
होंगी अपनी रातें
हो रातें
मचल मचल जाता है दिल
कहीं अपना छोटा सा घर
होगा प्यारा प्यारा
हो ओ ओ, कहीं अपना छोटा सा घर
होगा प्यारा प्यारा
बाँट लेंगे हम जीवन का
दुःख सुख सारा
होंगी अपने आँगन में फिर
हो ओ ओ, होंगी अपने आँगन में फिर
प्यार की सौगातें
अब तो अपने ही दिन होंगे
होंगी अपनी रातें
हो रातें
मचल मचल जाता है दिल
एक पल जुदा ना हो हम
मिल जाएँ ऐसे
हो ओ ओ, एक पल जुदा ना हो हम
मिल जाएँ ऐसे
दो लहरें एक दूजे से
मिल जाएँ जैसे
रह रह के याद आएगी
हो ओ ओ, रह रह के याद आएगी
पहली मुलाकातें
रह रह के याद आएगी
पहली मुलाकातें
अब तो अपने ही दिन होंगे
होंगी अपनी रातें
हो रातें
मचल मचल जाता है दिल
सोच कल की बातें
अब तो अपने ही दिन होंगे
होंगी अपनी रातें
हो रातें
मचल मचल जाता है दिल
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Machal machal jaata hai dil-Ram tere kitne naam 1985
Artists: Sanjeev Kumar, Rekha
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