ओ पवन वेग से उडनेवाले घोड़े-जय चित्तौड़ १९६१
दुर्लभ गीतों की श्रेणी में अगला गीत पेश है फिल्म 'जय चित्तौड़' से ।
ये एक ऐसा गीत है जो केवल रेडियो पर सुना गया और आज आप
इसका विडियो देखेंगे जो कि एक बड़े संगीत रसिक द्वारा यू ट्यूब
पर डाला गया है।
श्री नाथ त्रिपाठी जिन्हें हम एस एन त्रिपाठी के नाम से जानते हैं
काफी सक्रिय रहे हिंदी फिल्मों में मगर अधिकतर पौराणिक या
ऐतिहासिक फिल्मों में। उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण भी किया
और अभिनय भी। गीत लिखा है भारत व्यास ने और इसे फिल्माया
गया है फिल्म दीवार की प्रसिद्ध "माँ" निरूपा रॉय पर।
'जय चित्तौड़' फिल्म का यह गीत महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक
को समर्पित है। इतिहासकार अगर इस मसले पर थोडा टॉर्च से
प्रकाश डाल सकें तो बड़ी कृपा होगी। वैसे एक बात तो समझ आती
है -जब आपको इतिहास की जानकारी होती है तब आप ऐसे
तथ्यपरक गीतों की रचना कर सकते हैं। इसका तीसरा अंतरा
सुन कर शायद आप भी मेरे विचार से सहमत होंगे।
जिन लोगों का ये ख्याल है कि घोड़े की टाप की आवाज़ केवल
ओ. पी. नय्यर के गीतों में ही बढ़िया है वो इसे सुन कर अपनी
गलत फ़हमी दूर कर लें।
गीत के बोल:
ओ पवन वेग से उडनेवाले घोड़े
ओ पवन वेग से उडनेवाले घोड़े
तुझपे सवार है जो
मेरा सुहाग है वो
रखियो रे आज उनकी लाज हो
ओ पवन वेग से उडनेवाले घोड़े
तेरे कन्धों पे आज भार है मेवाड़ का
करना पड़ेगा तुझे सामना पहाड़ का
हल्दी घाटी नहीं है काम कोई खिलवाड़ का
देना जवाब वहां शेरों की दहाड़ का
घड़ियाँ तूफ़ान की हैं तेरे इम्तेहान की हैं
घड़ियाँ तूफ़ान की हैं तेरे इम्तेहान की हैं
रखियो रे आज उनकी लाज हो
ओ पवन वेग से उडनेवाले घोड़े
तुझपे सवार है जो
मेरा सुहाग है वो
रखियो रे आज उनकी लाज हो
छक्के छुड़ा देना तू दुश्मनों की आल के
उनकी छाती पे चड़ना पांव को उछाल के
लाना सुहाग मेरा वापस तू संभाल के
तेरे इतिहास में अक्षर होंगे गुलाल के
चेतक महान है तू बिजली का बाण है तू
चेतक महान है तू बिजली का बाण है तू
रखियो रे आज उनकी लाज हो
ओ पवन वेग से उडनेवाले घोड़े
तुझपे सवार है जो
मेरा सुहाग है वो
रखियो रे आज उनकी लाज हो
ओ पवन वेग से उडनेवाले घोड़े
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