चलो चलें माँ- जागृति १९५४
फिल्म जागृति से तीन गीत आपको सुनवाए जा चुके हैं, देशभक्ति
और उज्जवल देश की कामनाओं से भरपूर गीत। अब सुनिए माँ से
गुज़ारिश करता एक बच्चा क्या कह रहा है। आशा भोंसले की
आवाज़ में ये गीत कुछ कुछ कहानी की तरह लगता है। बोल
कविवर प्रदीप के हैं और संगीत हेमंत कुमार का। कुछ महान
संगीतप्रेमियों के पास संगीतकार रवि की आवाज़ में गाया गया
यही गीत उपलब्ध है। उल्लेखनीय है कि रवि ने हेमंत कुमार के
साथ सहायक के रूप में कुछ समय काम किया था। भारतीय संस्कृति
की जड़ से जुडी हुई है फिल्म जागृति शायद इसी वजह से इसे स्कूल
के बच्चों को दिखाया जाता है। फिल्म और फिल्म के गीत काफी
प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक हैं।
गीत के बोल:
चलो चलें माँ
चलो चलें माँ
सपनों के गाँव में
काँटों से दूर कहीं
फूलों की छाओं में
चलो चले माँ
हो राहें इशारे रेशमी घटाओं में
चलो चलें माँ
सपनों के गाँव में
काँटों से दूर कहीं
फूलों की छाओं में
चलो चलें माँ
आओ चलें हम एक साथ वहाँ
दुःख ना जहाँ कोई ग़म ना जहाँ
आओ चलें हम एक साथ वहाँ
दुःख ना जहाँ कोई ग़म ना जहाँ
आज है निमंत्रण सन सन हवाओं में
चलो चलें माँ
सपनों के गाँव में
काँटों से दूर कहीं
फूलों की छाओं में
चलो चलें माँ
रहना मेरे संग माँ हरदम
ऐसा ना हो के बिछड़ जाएँ हम
रहना मेरे संग माँ हरदम
ऐसा ना हो के बिछड़ जाएँ हम
घूमना है हमको दूर की दिशाओं में
चलो चलें माँ
सपनों के गाँव में
काँटों से दूर कहीं
फूलों की छांव में
चलो चलें माँ
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