चाँद चुरा के लाया हूँ -देवता १९७८
नहीं है जिसमें सी रामचंद्र का संगीत है। ये तो सन १९७८ में आई
संजीव कुमार और शबाना आज़मी की जोड़ी वाली फिल्म है जिसमें
उनके साथ एक और प्रतिभाशाली कलाकार डैनी ने काम किया। इस
फिल्म का संगीत काफी सुना गया और सराहा गया।
बदलाव के लिए आपको आज फिल्म का सबसे लोकप्रिय गीत पहले
सुनवाते हैं। इसे गाया है लता और किशोर ने। बोल हैं एक नामचीन
गीतकार के और संगीत है आर डी बर्मन का। इस फिल्म का प्रोमो रेडियो
पर खूब बजा करता और उसमें संजीव कुमार का एक डॉयलॉग सुनवाया
जाता जिसे हम अगली पोस्ट में पढेंगे। बोल किसके हैं पहचानिये और
ना पहचान पायें तभी गीत के टैग देखें।
गीत के बोल:
चाँद चुरा के लाया हूँ
चाँद चुरा के लाया हूँ
चल बैठें चर्च के पीछे
हो, ना कोई देखे ना पहचाने
बैठें पेड़ के नीचे
अरे चल बैठें चर्च के पीछे
कल बापू जाग गए थे मेरी लाज की सोचो
कल बापू जाग गए थे मेरी लाज की सोचो
अरे जो होना था कल हुआ था
आज तो आज की सोचो
जाग गए तो
जागने दो
अच्छा
हाँ
तो फिर चल बैठें चर्च के पीछे
ओ चाँद चुरा के लाई हूँ
ओ चाँद चुरा के लाई हूँ
चल बैठें चर्च के पीछे
चल दरिया पर कश्ती ले चल दूर कहीं बह जाएँ
चल दरिया पर कश्ती ले चल दूर कहीं बह जाएँ
हो ढूँढ ना पाएँ बस्ती वाले साहिल से कह जाएँ
बोल दिया तो
बोलने दो ना
अच्छा
हाँ
तो फिर चल बैठें चर्च के पीछे
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Chand chura ke laya hoon-Devta 1978
Artists: Sanjeev Kumar, Shabana Azmi
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