दिल लगा के कदर गई प्यारे- काला पानी १९५८
अभी दो दिन पहले नलिनी जयवंत के दुखद निधन की खबर सुनने में
आई। ५० के दशक की सुपर सितारा रहीं नलिनी जयवंत अपने आशियाने
में शांत ज़िन्दगी व्यतीत कर रही थीं। उनकी मौत पर भी सवाल खड़े हो
चुके हैं। उनकी रहस्मय परिस्थितियों में मौत की शंका व्यक्त की जा रही है।
जीवन के आखरी दिनों में उन्होंने दो जीवों को अपने घर में शरण दी थी वे भी
अब बेसहारा हो गए हैं। कमोबेश यही स्तिथि हर जीव के साथ हो जाती है जब
उस पर से स्नेह का साया उठ जाता है। चकाचौंध की ज़िन्दगी बिताने वाले
कलाकारों का ऐसा अंत मन को व्यथित करता है, शायद नियति को यही मंज़ूर
होता है , जितनी शोहरत उन्हें जीवन के पूर्वार्ध में प्राप्त होती है उतनी ही गुमनामी
में उन्हें उत्तरार्ध में मिलती है । कुछ ही कलाकार खुशकिस्मत होते हैं जिनका नाम
मरते दम तक जनता द्वारा लिया जाता है। नलिनी बॉलीवुड की पहली फैशन क्वीन
के रूप में पहचानी जाती थीं। ईश्वर दिवंगत आत्मा की आत्मा को शांति प्रदान करे।
आइये सुनें एक गीत देव आनंद और नलिनी जयवंत अभिनीत एक पुराणी फिल्म
काला पानी से जो सन १९५८ में आई थी। गीत में स्वर आशा भोंसले का है और धुन
एस डी बर्मन की। ये गीत काफी चर्चित और लोकप्रिय हुआ था।
गीत के बोल:
आ आ आ
ऊ ऊ ऊ
दिल लगा के क़दर गई प्यारे
दिल लगा के क़दर गई प्यारे
दिल लगा के
पूछे ना कोई फिरूं बेसहारे
पूछे ना कोई फिरूं बेसहारे
दिल लगा के क़दर गई प्यारे
दिल लगा के
धिन ता धा ता ता ता धा
बोली बोले दुनिया सारी
मैं राजा तुमसे हारी
क्या करूं मैं नैनामारी
कहो ना क्या करूं मैं नैनामारी
कोई कुछ पुकारे
कोई कुछ पुकारे
दिल लगा के क़दर गई प्यारे
दिल लगा के
दिल लगा के
दिल लगा के
धिन ता धा ,ता ता ता धा
ना कोई साथी ना कोई बेली
सोऊँ-जागूँ मैं अकेली
सूनी सेजिया सूनी हवेली
देखो ना सूनी सेजिया सूनी हवेली
ये सोचा था मन में बसूँगी तिहारे
दिल लगा के क़दर गई प्यारे
दिल लगा के
पूछे ना कोई फिरूं बेसहारे
दिल लगा के क़दर गई प्यारे
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Dil laga ke kadar gayi pyare-Kala Pani 1958
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