रोजा जानेमन-रोजा १९९२
लगता है ए. आर. रहमान के हाथ कोई चुम्बक लग गया
है। एक बार फिर से वे गोल्डन ग्लोब पुरस्कार के लिए
नामांकित किये गए हैं, फिर से डैनी बोयल की फिल्म के
लिए, इस बार है-"१२७ आवर्स" के लिए। फिल्म स्लमडॉग
मिलेनियर के लिए उनको पहली बार सन २००९ में यह
पुरस्कार मिला था। राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चलताऊ सा
का गीत बना के श्रोताओं को निराश कर चुके रहमान से अब
उनके प्रशंसकों को काफी उम्मीदें होंगी। ऑस्कार पुरस्कार
भी प्राप्त कर चुके रहमान समय समय पर कुछ हैरतंगेज़
करने वाला संगीत रचने के लिए विख्यात हैं। एयरटेल
मोबाइल की प्रसिद्ध धुन उन्हीं की ईजाद है ।
आइये एक गीत सुनें फिल्म रोजा से जिसने बहुत धूम मचाई
थी। फिल्म ने भी और उसके संगीत ने भी। आज जो गीत आपको
सुनवा रहे हैं वो फिल्म का शीर्षक गीत है और इसे दो गायकों ने
अलग अलग गाया है, ऐ. हरिहरन और एस. पी. बालसुब्रमण्यम ने।
पहले सुन लीजिये हरिहरन का गाया गीत। ये फिल्म मणि रत्नम
की हिंदी सिनेमा क्षेत्र में चर्चित होने वाली पहली फिल्म है। इससे
पहले तमिल में बनाया गया फिर हिंदी में डब किया गया।
गीत के बोल पी के मिश्रा साहब ने लिखे हैं और उनका नाम मैंने
इस फिल्म के आगमन के समय ही पहली बार सुना था।
मणि रत्नम ने गीत का फिल्मांकन बहुत ज़ोरदार किया है और
इसमें आप जितने भी दृश्य संयोजन के तत्वों और प्रभावों के बारे
में सोच सकते हैं, अधिकांश मौजूद हैं।
गीत के बोल:
आ आ आ आ आ आ, आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ, आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ, आ आ आ आ आ
रोजा जान-ए-मन तू ही मेरा दिल
तुझ बिन तरसे नैना
दिल से ना जाती है यादें तुम्हारी
कैसे तुम बिन जीना
आँखों में तू है, आंसुओं में तू है
आँखें बाद कर लूं तो, मन में भी तू है
ख्वाबो में तू ,साँसों में तू, रोजा
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
छू के यूँ चली हवा, जैसे छू गए हो तुम
फूल जो खिले थे वो, शूल बन गए हैं क्यों
जी रहा हूँ इसलिए, दिल में प्यार है तेरा
ज़ुल्म सह रहा हूँ क्यों, इंतजार है तेरा
तुमसे मिले बिना जान भी ना जाएगी
क़यामत से पहले सामने तू आएगी
कहाँ है तू कैसी है तू, रोजा ?
ठंडी ठंडी ऐ हवा, तेरा काम क्या यहाँ
मीत नहीं पास में, चांदनी तू लौट जा
फूल क्यों खिले हो तुम, ज़ुल्फ़ नहीं वो यहाँ
झुके झुके आसमान, मेरी हंसी ना उड़ा
प्यार के बिना मेरी ज़िन्दगी उदास है
कोई नहीं है मेरा सिर्फ तेरी आस है
ख़्वाबों में तू, साँसों में तू, रोजा
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