Dec 15, 2010

चाँद के पास जो सितारा है-स्वीकार किया मैंने १९८३

उषा खन्ना के संगीत खजाने से एक मधुर युगल गीत
सुनवाते हैं आपको। लता और किशोर का गाया युगल
गीत फुर्सत के क्षणों में बनाया गया सा लगता है। कवि
एक कदम आगे बढ़ गया है और चाँद को छोड़ कर उसके
पास के सितारे पर नज़र गड़ा ली और उसको हसीं
बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ये बात तो पते की है
की जब कोई व्यक्ति खुश होता है तो उसको आस पास
की दुनिया खुशनुमा दिखाई देने लगती है और जब किसी
से इश्क हो जाए तो सब जगह प्यार मोहब्बत का माहौल
नज़र आता है।

सन १९८३ का वर्ष काफी समृद्ध रहा फिल्म संगीत के मामले
मामले में। ये गीत मुझे पिछली पोस्ट पढ़ कर ध्यान में आया।
८० के दशक में गायक, गीतकार, संगीतकार, फिल्म के नायक
नायिका और जो छोट गए हों वे सब, बड़े बड़े दिग्गज मौजूद थे
और ये एक संधि काल जैसा था पुराने युग और ९० के दशक में
आने वाले नए युग का। इस दौर में कई नई प्रतिभाओं का आगमन
हुआ तो कुछ स्थापित गायक और कलाकार हमसे बिछड़ भी गए।

गीत फिल्माया गया है शबाना आज़मी और विनोद मेहरा पर
जिनकी जोड़ी आपको शायद ही किसी और फिल्म में देखने को
मिले। 'स्वीकार किया मैंने' का एक गीत आप सुन चुके है पहले




गीत के बोल:


चाँद के पास जो
चाँद के पास जो सितारा है
वो सितारा हसीं लगता है

जब से तुम हो मेरी निगाहों में
जब से तुम हो मेरी निगाहों में
हर नज़ारा हसीं लगता है
हर नज़ारा हसीं लगता है

चाँद के पास जो सितारा है।

ज़िन्दगी दो दिलों की चाहत है
ज़िन्दगी दो दिलों की चाहत है

ज़िन्दगी दो दिलों की चाहत है
हर ख़ुशी प्यार की अमानत है
प्यार के पास जो
प्यार के पास जो सहारा है
वो सहारा हसीं लगता है
वो सहारा हसीं लगता है

चाँद के पास जो सितारा है

रात तन्हाईयों की दुश्मन है
रात तन्हाईयों की दुश्मन है

रात तन्हाईयों की दुश्मन है
हर सफ़र हमसफ़र से रोशन है

मौज के पास जो
मौज के पास जो किनारा है
वो किनारा हसीं लगता है
वो किनारा हसीं लगता है

चाँद के पास जो सितारा है

आज की रात है मुरादों की
आज की रात है मुरादों की

आज की रात है मुरादों की
रौशनी है नए इरादों की

शमा के पास जो
शमा के पास जो शरारा है
वो शरारा हसीं लगता है
वो शरारा हसीं लगता है

चाँद के पास जो सितारा है
चाँद के पास जो सितारा है
वो सितारा हसीं लगता है
वो सितारा हसीं लगता है
...........................
Chand ke paas jo sitara hai-Sweekar Kiya Maine 1983

Artists-Vinod Mehra, Shabana Azmi

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