मोहब्बत से तुम्हें देखा-रातों का राजा १९७०
धीरज कुमार और वैशाली पर फिल्माया गया ये गीत
कुछ कुछ ऐसे शुरू होता है जैसे किसी गीत का अंतरा
सुना जा रहा हो। यही तो खूबी थी पंचम की। अभी तक
किसी पंचम भक्त की नज़र नहीं पड़ी इस ब्लॉग पर वरना
वो इसी गीत की २५-३० खूबियाँ गिनवा देता। एक बात तो
ज़रूर है गीत में नायिका और एक काला कुत्ता दिखाई दे
रहे हैं हीरो के सिवा जो दोनों ही खूबसूरत दिखते हैं। जाने
निर्देशक कुत्ते को प्रतीक रूप में इस्तेमाल कर के ये बताना
चाह रहा हो कि नायक बिलकुल ऐसे कर रहा है जैसे कुत्ता
हड्डी देख के लपकता हो। संभव है वो ये बताना चाह रहा
हो कि असली रातों का राजा ये है जनाब।
देखने पर ऐसा लगता है मानो समुद्र किनारे ये गीत फिल्माया
गया हो, मगर रेत पर गिरने पर चोट नहीं लगा करती, ये ज़रूर
सूखी नदी है कोई । गीत गाया है लता और रफी ने।
गीत के बोल:
मोहब्बत से तुम्हें देखा
मगर तुम ना जाने क्या समझे
जो इतना भी नहीं समझे सनम
तो फिर तुमसे खुदा समझे
मोहब्बत से तुम्हें देखा
मगर तुम ना जाने क्या समझे
जो इतना भी नहीं समझे सनम
तो फिर तुमसे खुदा समझे
लग रहा है हर नज़र में प्यार भी है
थोडा थोडा होश भी है थोड़ी थोड़ी बेखुदी भी
मेरी चाहत को ना समझे हाय नादान हो तुम ऐसे
जाने जाना फिर बता दो तुमको चाहूं और कैसे
मोहब्बत से तुम्हें देखा
मगर तुम ना जाने क्या समझे
जो इतना भी नहीं समझे सनम
तो फिर तुमसे खुदा समझे
बेकरारी पे हमारी किन ख्यालों में ये गुम हो
देखने दो फूल ज्यादा खूबसूरत हैं कि तुम हो
आज छेड़ा जो हवा ने सिमटी जाती हैं ये बाहें
जाने क्या है बेइरादा झुकती जाती हैं निगाहें
मोहब्बत से तुम्हें देखा
मगर तुम ना जाने क्या समझे
जो इतना भी नहीं समझे सनम
तो फिर तुमसे खुदा समझे
मोहब्बत से तुम्हें देखा
मगर तुम ना जाने क्या समझे
जो इतना भी नहीं समझे सनम
तो फिर तुमसे खुदा समझे
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Mohabbat se tumhen dekha-Raaton ka raja 1970
Artists: Dheera Kumar, Vaishali
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