मैंने तुमको पिया कह दिया-नौकरी १९७८
हम चाहे कुछ भी कहें या फ़िल्मी पत्रकार चाहे जो समीक्षा करें,
राजेश खन्ना के ऊपर फिल्माए गए गीत कुछ अतिरिक्त जीवन्तता
वाले होते हैं। पिछले सुमधुर गीत के बाद आपको सुनवाते हैं
लता मंगेशकर का गाया एक अनजान सी फिल्म नौकरी से एक
गीत । ये गीत भी आनंद बक्षी की कलम की देन है मगर इसमें
संगीतकार छोटे बर्मन साहब हैं। पिछले गीत में राजेश खन्ना सफ़ेद
कुरता पहने हुए थे इस गीत में हल्का आसमानी रंग का है।
नायिका भी बदल गई हैं इस गीत में-अब आप देखेंगे जाहिरा को ।
जाहिरा अच्छे नाक नक्श होने के बावजूद ज्यादा फिल्मों में नहीं
नज़र आयीं। इस गीत को मैं एक क्यूट सोंग कहता हूँ, और आप ?
गीत के बोल:
मैंने तुमको पिया कह दिया
मैंने तुमको पिया कह दिया
अब कहने को क्या रह गया ?
अब कहने को क्या रह गया ?
सुनो तुमको पिया कह दिया
पिया तुमको पिया कह दिया
कहो क्या एक मुलाकात में
रहा क्या अब मेरे हाथ में
कहो क्या एक मुलाकात में
रहा क्या अब मेरे हाथ में
सारी बातें हैं इस बात में
पिया तुमको पिया कह दिया
मैंने तुमको पिया कह दिया
मैंने तुमको पिया कह दिया
कहने सुनने में ही सब है क्या
इन सवालों का मतलब है क्या
कहने सुनने में ही सब है क्या
इन सवालों का मतलब है क्या
पूछता है जहाँ अब ये क्या
प्यार हमने किया कह दिया
मैंने तुमको पिया कह दिया
अब कहने को क्या रह गया ?
अब कहने को क्या रह गया ?
पिया तुमको पिया कह दिया
मैंने तुमको पिया कह दिया
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