दिल धक् धक् करने लगा-पतिता-१९८०
सन ८० की फिल्म पतिता का जो गीत चलन में था फिल्म की रिलीज़
के वक़्त वो पेश है आज। ये है किशोर कुमार की आवाज़ में-दिल धक्
धक् करने लगा। आनंद बक्षी के लिखे गीत की धुन बनाई है बप्पी लहरी
ने। मिथुन चक्रवर्ती के ऊपर इसे फिल्माया गया है और गीत में उन्होंने
प्रशंसकों को अपने नृत्य से खुश कर दिया था । सैक्सोफोने लेकर जब
नायक हुंकार भरता है तो शम्मी और देव आनंद का ज़माना याद आ जाता
है मगर जल्द ही वो ग़लतफहमी दूर हो जाती है जब वो नृत्य शुरू करता है।
वैसे इस आकर्षक गीत में कई और ऐसी आकर्षक वजह हैं जिनके कारण
पब्लिक इसे थीएटर में देखने जाया करती थी वो सब आपको गीत देखने पर
समझ आएँगी।
गीत के बोल:
धक् धक् धक् धक्
धक् धक् धक् धक्
धक् धक् धक् धक्
धक् धक् धक् धक्
दिल धक् करने लगा
मैं दिल से डरने लगा
दिल धक् करने लगा
मैं दिल से डरने लगा
ऐसा लगता है मैं
किसी पे मरने लगा
हाय दिल धक् करने लगा
मैं दिल से डरने लगा
मैं पूछा करता हूँ
इस दिल दीवाने से
वो खुद आये तो क्या हो
जिसकी याद आने से
आई कोई ख़ुशबू
कोई जादू चलने लगा
हो ओ ओ ऐसा लगता है मैं
किसी पे मरने लगा
दिल धक् करने लगा
मैं दिल से डरने लगा
तस्वीरें देखी हैं
कितनी बाज़ारों में
तस्वीरें देखी हैं
कितनी बाज़ारों में
तुम जैसे हैं हजारों
वो है एक हजारों में
देखी दो निगाहें
मैं आहें भरने लगा
हो ओ ओ ऐसा लगता है मैं
किसी पे मरने लगा
दिल धक् करने लगा
मैं दिल से डरने लगा
सोचा था खेलूंगा
मैं एक खिलोने से
अब कैसे की रोकूँ दिल को
खुद पे आशिक होने से
मैं तो दिल्लगी में
दिल का सौदा करने लगा
हो ओ ओ ऐसा लगता है मैं
किसी पे मरने लगा
दिल धक् करने लगा
मैं दिल से डरने लगा
ऐसा लगता है मैं
किसी पे मरने लगा
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Dil dhak dhak karne laga-Patita 1980
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