तुमसे नहीं पहचान मेरी-एक ही रास्ता १९७७
आइये विनोद मेहरा पर फिल्माया गया एक और गीत सुनें।
ये है फिल्म एक ही रास्ता से। एक बच्चे से हीरो मुखातिब
है और गीत के माध्यम से अपना रिश्ता मजबूत करने का
प्रयत्न करता दिखलाई पढ़ रहा है। वर्मा मालिक के लिखे
गीत को गाया है रफ़ी ने और इसकी तर्ज़ बनाई है रोशन
पुत्र राजेश ने। ये एक कम सुना गया गीत है इसलिए इसको
पहले सुनने का प्रयास करते हैं। फिल्म 'एक ही रास्ता' के बाकी
गीत हम सुनेंगे आगे.....
गीत के बोल:
तुमसे नहीं पहचान मेरी लेकिन ऐसे लगता है
पहले भी किसी युग में अपना साथ रहा हो जैसे
तुमसे नहीं पहचान मेरी लेकिन ऐसे लगता है
पहले भी किसी युग में अपना साथ रहा हो जैसे
तुझे देख के भूली बिसरी तस्वीर उभर आती है
याद कि धुंधली सी परछाई दिल में उतार जाती है
दोनों को ना याद हो, हो सकता है ऐसे
पहले भी किसी युग में अपना साथ रहा हो जैसे
तुझसे मेरा क्या नाता जब समझ नहीं पाता हूँ
डूब के मैं गहराईयों में सोच के ये रह जाता हूँ
किसी जनम में तूने कोई वचन लिया हो जैसे
पहले भी किसी युग में अपना साथ रहा हो जैसे
तुमसे नहीं पहचान मेरी लेकिन ऐसे लगता है
पहले भी किसी युग में अपना साथ रहा हो जैसे
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Tumse nahin pehchan meri-Ek hi rasta 1977
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