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Feb 11, 2020

कितने क़िस्म की बेईमानी-बेईमान १९७२

फिल्म बेईमान के शीर्षक गीत का दूसरा संस्करण
पेश है. इसमें नायक एक एक कर के बेईमानी की
किस्में गिनवा रहा है. जो कुछ पहले संस्करण में
बाकी बच गया था वो इस संस्करण की पंक्तियों में
शामिल कर लिया है गीतकार ने.

वर्मा मलिक ने इस प्रकार के गीत काफी लिखे हैं
मगर प्रसिद्धि दूसरे गीतकारों को ज्यादा मिली है
जिन्होंने भ्रष्टाचार, सामाजिक समस्याओं और इतर
विषयों पर लिखा है.

मुकेश की आवाज़ है और संगीत शंकर जयकिशन का.



गीत के बोल:

कितने किस्म की बेईमानी कितने किस्म के बेईमान
एक एक गिनवाता हूँ ज़रा सुनना दे कर ध्यान
राईट देट्स राईट
न इज्ज़त की चिंता न फिकर कोई अपमान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
न इज्ज़त की चिंता न फिकर कोई अपमान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो

बात के झूठे नज़र के खोटे दिल के बड़े कठोर
बड़ा हैरान हुआ जब देखे बैठे चारों ओर
मुझे देख इस महफ़िल में इसलिए मचायें शोर
के बड़े बड़े चोरों में आ गया कहाँ से छोटा चोर
जो कहना है वो कह दूं परवाह नहीं इस अपमान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो

इस दुनिया में देखे हैं कुछ ऐसे भी इंसान
खुद को देवता समझें और दूजे को बेईमान
आज फोड़ दूं सबके भांडे टूट जाए अभिमान
अपने अपने दिल से पूछो कौन है ईमान
सूरज सी दिशा दी है पर सूरत है शैतान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो

बड़ी बेईमानी करते कुछ बड़े घरों के जाये
बड़े नाम की चादर से चेहरे को रहे छुपाये
औरों पे वो दोष लगा कर अपने पाप छुपाये
उसको मान मिले जग में जो बेईमान बन जाये
उस बाप को खबर नहीं है अरे ऐसी नेक संतान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो

अरे न इज्ज़त की चिंता न फिकर कोई अपमान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
……………………………………………
Kitne kism ki beimaani-Beimaan 1972

Artist: Manoj Kumar, Rakhi

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Dec 24, 2019

हसीनों की दुनिया-बेरहम १९८०

लता मंगेशकर के गीत के बिना हिंदी फिल्म संगीत
की गाथा हमेशा अधूरी रहती है अतः एक गीत और
सुन लेते हैं आज.

८० के दशक में माला सिन्हा पर कोई गीत फिल्माया
गया हो आश्चर्य सा लगता है.

वर्मा मलिक का लिखा हुआ गीत है जिसे लक्ष्मी प्यारे
ने धुन से संवारा है. लक्ष्मी प्यारे ने लता मंगेशकर से
तकरीबन ६०० से ऊपर गाने गवाए जो उल्लेखनीय है
और आंकड़ों के मामले में सबसे ज्यादा है किसी भी
संगीतकार के लिए.



गीत के बोल:

कहने को हम जवानियों के ख्वाब है
नाज़-ओ-अदा में खेलते शबाब हैं
रंग है बहार हैं गुलाब हैं
जवाब नहीं है कोई लाजवाब हैं
लेकिन

हसीनों की दुनिया खुदगर्ज़ है
हसीनों की दुनिया खुदगर्ज़ है
इतना कहना मेरा फर्ज है
आदाब अर्ज़ है आदाब अर्ज़ है
आदाब अर्ज़ है
हसीनों की दुनिया खुदगर्ज़ है
इतना कहना मेरा फर्ज है
इतना कहना मेरा फर्ज है
आदाब अर्ज़ है आदाब अर्ज़ है
आदाब अर्ज़ है

जो इक बार दिल इनसे टकरायेगा
वो इनको बरसों भुला पायेगा
इन्हें प्यार करना बड़ा है गुनाह

इन्हें प्यार करना बड़ा है गुनाह
खुदा ही बचाये खुदा की पनाह
खुदा ही बचाये खुदा की पनाह
बड़ा बोझ है ये बड़ा क़र्ज़ है
इतना कहना मेरा फर्ज है
आदाब अर्ज़ है आदाब अर्ज़ है
आदाब अर्ज़ है

ये नज़रें हैं खंजर ये क़ातिल अदा
लुट जाओगे इनसे बचना ज़रा
बचना ज़रा बचना ज़रा
है फितरत मेरी ये के लिखा सितम
रहमदिल के परदे में है बेरहम
किसी से ना इनको कोई गर्ज़ है
इतना कहना मेरा फर्ज है
आदाब अर्ज़ है आदाब अर्ज़ है
आदाब अर्ज़ है
………………………………………………….
Haseeno ki duniya-Beraham 1980

Artists: Mala Sinha, Sanjeev Kumar

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Dec 23, 2019

या हुस्न रहे या-बेरहम १९८०

फ़िल्मी कव्वाली सुने बहुत दिन हो गए. अधिकांश
में हुस्न और इश्क मसला होता है. एक और सुन
लेते हैं आज.

परदे पर इसे कादर खान और मौसमी चटर्जी गा रहे
हैं. शत्रुघ्न सिन्हा, रीना रॉय और कष्टों मुखर्जी भी
नज़र आयेंगे.

बोल वर्मा मलिक के हैं और संगीत लक्ष्मी-प्यारे का.
आशा भोंसले और महेंद्र कपूर ने इसे गाया है.

टी वी चैनलों पर चर्चा के साथ गाजे बाजे वाले भी
होना चाहिए तो मनोरंजन भरपूर होगा. वाद कब पाद
में तब्दील हो जाता है पता ही नहीं चलता.





गीत के बोल:

हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ ओ
हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ हो हो हो हो हो

हुस्न एक उलटी राह है
हुस्न एक झूठी चाह है
हुस्न तो एक गुनाह है
हुस्न करता कबाब है

इस हुस्न के नखरे नाज़-ओ-नज़ाकत
हुस्न के नखरे नाज़-ओ-नज़ाकत
इस हुस्न के नखरे ओ नखरे
हुस्न के नख़रे नाजो नजाकत
रोज रोज अब कौन सहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें
या हुस्न रहे या इश्क़ रहे
हम आज ये किस्सा ख़तम करें

खुद धोखा दग़ा फ़रेब करें
खुद धोखा दग़ा फ़रेब करें
खुद धोखा दग़ा फ़रेब करें
इलज़ाम ये हुस्न पे देता रहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें
या हुस्न रहे या इश्क़ रहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा ख़तम करें

एक दिन देखा
हो एक दिन देखा दर्द का मारा
इक आशिक मस्ताना
जंगल जंगल मारा मारा
फिरता था दीवाना
फिरता था दीवाना

मुझको देख के कहने लगा
हो मुझको देख के कहने लगा
अरे सुन ले मेरा अफ़साना
हर आशिक़ के घर घर में
पैगाम मेरा पहुंचाना
के हुस्न को इतना लूटो मारो
के हुस्न को इतना लूटो मारो
सारी उम्र ही रोता रहे

हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें

हमारी भी सुनो
हमारी भी सुनो
लैला की जब कब्र पे चल कर
इक हसीना आई
रो के लिपट के कहने लगी
आहे रो के लिपट के कहने लगी
आहे रो के लिपट के कहने लगी
ए लैला तेरी दुहाई
कैसे बदला लूं इनसे
आहे कैसे बदला लूं इनसे
हर आशिक़ है हरजाई
तो कब्र से लैला की रूह ने
यही आवाज़ लगाईं
निकल पड़ो अब तान के सीना
दोनों में से एक रहे

हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें
या हुस्न रहे या इश्क़ रहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा ख़तम करें

इनका हर दौर देखा इनका हर तौर देखा
आहे इनका हर दौर देखा इनका हर तौर देखा
हो सलमा या सुलेखा है सब धोखा ही धोखा
इनका हर दौर देखा इनका हर तौर देखा
यहाँ से और वहां से पूछ लो तुम जहां से
वफ़ा के देते झांसे ख़ासे पलट देते है पासे
तरन्नुम इनके झूठे तबस्सुम इनके झूठे
तकल्लुम इनके झूठे मरासिम इनके झूठे
आहे छलावा है छलवा भुलावा है भुलवा
इनकी उल्फ़त का दावा दिखावा है दिखावा

तुम बन ठन के न निकलो
तो ये दिल न फिसले
एक बार मरम्मत होगी
तो फिर दिल न मचले

इश्क़ हुस्न का दुश्मन है
इश्क़ हुस्न का दुश्मन है
कोई इसके भरोसे न रहे

हम आज ये किस्सा खत्म करें
अरे क्या बात है
हम आज ये किस्सा खत्म करें
या हुस्न रहे या इश्क़ रहे
हम आज ये किस्सा खत्म करें
हम आज ये किस्सा खत्म करें
…………………………………………….
Ya husn rahe ya-Beraham 1980

Artists: Kadar Khan, Mausmi Chatterji

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Dec 22, 2019

तकदीर के कलम से-बेरहम १९८०

फिलोसॉफी पर कुछ ज्यादा बातें हो रही हैं कुछ दिन
से. सिलसिले को आगे बढाते हुए एक गाना सुनते हैं
फिल्म बेरहम से. वर्मा मलिक की रचना है और इस
गीत का संगीत तैयार किया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
ने.

मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ वाला ये गीत लोकप्रिय तो
नहीं मगर प्रेरणादायी है और मधुर है, इसे एक बार
अवश्य सुनना चाहिए. टी वी के न्यूज़ चैनलों पर ढेर
सारी खिड़कियों से आती आवाजें जो थोड़ी देर के बाद
भौं-भौं में तब्दील हो जाती हैं उनसे जो सर दर्द होता
है उसे दूर करने में प्रेरणादायी गीत बहुत सहायक होते
हैं.




गीत के बोल:

तक़दीर के कलम से कोई बच न पायेगा
तक़दीर के कलम से कोई बच न पायेगा
पेशानी पे जो लिखा है वो पेश आयेगा
मालिक ने जो लिख दिया है वो मिट न पायेगा
पेशानी पे जो लिखा है वो पेश आयेगा
वो पेश आयेगा

चाहने से कभी आरज़ू के फूल न खिले
ख़ुशी के चार दिन भी ज़िंदगी में न मिले
देखिये ये प्यार कितना मजबूर है
मज़िल से पास आ के भी मज़िल से दूर है
एक नज़र भर के भी ना तू देख पायेगा
पेशानी पे जो लिखा है वो पेश आयेगा
वो पेश आयेगा

किस्मत बिना कोई किसी को पा नहीं सके
और प्यार को सीने से भी लगा नहीं सके
मिलाने से पहले ही यहाँ दिल टूट जाते हैं
सफ़र से पहले हमसफ़र भी छूट जाते है
तक़दीर तुझपे हँसेगी तू रो न पायेगा
पेशानी पे जो लिखा है वो पेश आयेगा
वो पेश आयेगा

तक़दीर के कलम से कोई बच न पायेगा
पेशानी पे जो लिखा है वो पेश आयेगा
वो पेश आयेगा
वो पेश आयेगा
……………………………………………….
Taqdeer ke kalam se-Beraham 1980

Artist:

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Nov 3, 2019

पतला पतला रेशमी कुरता-बेईमान १९७२

मनोज कुमार की फिल्मों मों आपको लड़कियों के प्रकार
और उनके ऊपर इतर जानकारी वाले गीत ज़रूर मिलेंगे.
एक गीत है फिल्म पहचान में जिसे वर्मा मलिक ने लिखा
है और एक ये गीत है फिल्म बेईमान में संयोग से इसे
भी वर्मा मलिक ने लिखा है. दोनों गीतों के संगीतकार भी
वही हैं-शंकर जयकिशन.

बेईमान के दो गीतों में कपड़ों की काफी सारी वेराइटी की
जानकारी हो जाती है. एक आप सुन चुके हैं दूसरा पेश
है जो रेशम को समर्पित है. इसमें पजामा, मामा और
पनामा सिगरेट का हंगामा है.

इसे गाया है आशा भोंसले संग महेंद्र कपूर ने. इस गीत
में हास्य की थोड़ी मात्रा है बोरियत के साथ. हो सकता है
ये गीत उस समय की जनता को लवली, स्वीट और जो
भी आप सोच सकते हैं लगता रहा होगा.



गीत के बोल:

पतला पतला रेशमी कुरता चूड़ीदार पजामा
पतला पतला रेशमी कुरता चूड़ीदार पजामा
एक ज़ुल्फ़ के छः टुकड़े ये देख के मचे हंगामा
लुट गए मामा लुट गए मामा
लंबे कलमी बाल आवारा पैंट का बना पजामा
लंबे कलमी बाल आवारा पैंट का बना पजामा
पान तम्बाखू वाला खा कर सिगरेट पिए पनामा
लुट गए मामा लुट गए मामा

पीली बिंदी पीले बुँदे नाक में पीली नथनी
पीली बिंदी पीले बुँदे नाक में पीली नथनी
टोकरी जैसा जूडा और जूडे से चोटी निकली
जूडे से चोटी निकली
टोकरी भी अब फैशन बन गयी मर गए गंगा रामा
एक ज़ुल्फ़ के छः टुकड़े ये देख के मचे हंगामा
लुट गए मामा लुट गए मामा

खुली सड़क पर सीटी मारे जाते देख हसीना
खुली सड़क पर सीटी मारे जाते देख हसीना
बेशर्मों का लीडर बन के चले तान के सीना
चले तान के सीना
ये भी हमारा फैन बना है देखो हीर का मामा
पान तम्बाखू वाला खा कर सिगरेट पिए पनामा
लुट गए मामामामा लुट गए मामा

आओ कमिटी वालों लगाओ इनपे टैक्स और चुंगी
आओ कमिटी वालों लगाओ इनपे टैक्स और चुंगी
साड़ी पेटीकोट के ऊपर कब्ज़ा कर गयी लुंगी
अरे कब्ज़ा कर गयी लुंगी
तौबा तौबा आज की छोरी बन गयी एक ड्रामा
एक ज़ुल्फ़ के छः टुकड़े ये देख के मचे हंगामा
लुट गए मामा लुट गए मामा

बापू करे कमाई बेटा करता सत्यानास
बापू करे कमाई बेटा करता सत्यानास
चार साल में पास है करता बच्चा एक क्लास
देखो करता एक क्लास
कॉलेज की कॉपी में देखो लिखे मोहब्बतनामा
पान तम्बाखू वाला खा कर सिगरेट पिए पनामा
लुट गए मामा लुट गए मामा

कमर है हलवे कद्दू जैसी आओ दुवायें मांगें
कमर है हलवे कद्दू जैसी आओ दुवायें मांगें
ऐसी लगती जैसे लगीं हो डबल रोटी को टांगें
अरे डबल रोटी को टांगें
ढूंढ के लाओ इसके लिए जो पहलवान हो गामा
एक ज़ुल्फ़ के छः टुकड़े ये देख के मचे हंगामा
लुट गए मामा लुट गए मामा

सन्यासी ने फेर उस्तरा पहन लिया है कच्छा
सन्यासी ने फेर उस्तरा पहन लिया है कच्छा
लगता कुर्सी पे बैठा है ये गेंडे का बच्चा
ये गेंडे का बच्चा
ये भी प्यार के पेंच लड़ाये वाह रे भक्त सुदामा
पान तम्बाखू वाला खा कर सिगरेट पिए पनामा
लुट गए मामा लुट गए मामा

मैं हूँ तेरा आशिक ये सारी दुनिया पहचाने
क्यूँ ठीक है जवाब तो दे
अरे मैं हूँ तेरा आशिक ये सारी दुनिया पहचाने
पर अंदर वाली बात जो है वो मैं जानूं तू जाने
सच हैं ना बोलती क्यूँ नहीं वो मैं जानूं तू जाने
अरे दुनिया वाले क्या जाने ये तेरा मेरा ड्रामा
एक ज़ुल्फ़ के छः टुकड़े ये देख के मचा हंगामा
लुट गए मामा लुट गए मामा
ओ लुट गए मामा लुट गए मामा
लुट गए मामा हाँ लुट गए मामा
हो लुट गए मामा लुट गए मामा
……………………………………………..
Patla patla rehmi kurta-Beimaan 1972

Artists: Manoj Kumar, Rakhi

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Aug 10, 2019

तू नींदों की रानी और मैं-हनीमून १९९२

एक और कर्णप्रिय युगल गीत सुनते हैं ९० के दशक से. इस
में आपको चॉकलेटी हीरो ऋषि कपूर और अश्विनी भावे दिखाई
देंगे.

गीत जिन शब्दों से शुरू होता है उससे एकबारगी ऐसा लगता
है मानो फिल्म की नायिका को सोने का शौक है. नींदों की
रानी से हम और क्या मतलब निकल सकते हैं.

प्रणय और प्रेम की बात की जाए तो ९५ प्रतिशत मामलों में
महिलाएं पुरुष पर बीस इक्कीस ही साबित होती है. इस गीत
में दूसरे अंतरे से नायिका के भावों में जो इम्प्रूवाईजेशन होता
है वो देखने लायक है. आज की अभिनेत्रियां इसे क्लिप से
कुछ सीख सकती हैं.

गीत  लिखा है वर्मा मालिक ने और इसे उदित नारायण संग
अनुराधा पौडवाल ने गाया है. संगीतकार हैं आनंद मिलिंद.





गीत के बोल:

तू नींदों की रानी और मैं प्यार का सपना
छोड़ के मुझको जाना ना मेरा जी नहीं लगना
तू नींदों की रानी और मैं प्यार का सपना
छोड़ के मुझको जाना ना मेरा जी नहीं लगना
कभी जुदा नहीं हो सकता नींदों से सपना
दुनिया अपनी लगती जब तू हो गया अपना

तेरी कोमल जवानी को कहीं मेरी नज़र ना लगे
तेरी कोमल जवानी को कहीं मेरी नज़र ना लगे
मेरी दुआ है लाखों बरस तू
सोलह बरस की रहे
होता रहेगा जनम जनम यूँ ही मिलन ये अपना
दुनिया अपनी लगती जब तू हो गया अपना
तू नींदों की रानी और मैं प्यार का सपना

ये बरखा ये रिमझिम रिमझिम
और ये साथ तुम्हारा
ये बरखा ये रिमझिम रिमझिम
और ये साथ तुम्हारा
खुशी से बढ़ गयी धडकन मेरी
हो गया दिल आवारा
गले लगा के देख ज़रा मेरे दिल का धडकना
छोड़ के मुझको जाना ना मेरा जी नहीं लगना
हो कभी जुदा नहीं हो सकता नींदों से सपना

बोलो तो in gori गोरी baahon pe सो jaaoon
bolo to इन गोरी gori बाहों पे so जाऊं
तेरे naino की nagri में sajna मैं kho जाऊं
mere प्यार ke हाथ ko तुम zara प्यार se रखना
दुनिया अपनी लगती जब तू हो गया अपना

तू नींदों की रानी और मैं प्यार का सपना
छोड़ के मुझको जाना ना मेरा जी नहीं लगना
………………………………………………………………..
Too neendon ki rani-Honeymoon 1992

Artists: Ashwini Bhave, Rishi Kapoor

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Nov 3, 2018

एक बात बताने आई हूँ-आखिरी गोली १९७७

७० के दशक में ऐसी फ़िल्में बहुत आयीं जिनके नाम में
आखिरी शब्द आता है. आखिरी गोली, आखिरी डाकू, आखिरी
मुजरा इत्यादि. आखिरी फिल्म जैसी कोई चीज़ नहीं आई
इसलिए फ़िल्में लगातार बन रही हैं अभी तक. वो तो गोलियाँ
भी बन रही हैं और चल रही हैं आज तक. नाम से कुछ फर्क
पढता तो गुलाब जामुन में से जामुन की सुगंध आने लगती
और वो गुलाब जैसा दिखलाई देता.

एक बात समझ नहीं आई कि आखिरी गीत नाम की फिल्म
सन १९७५ में आई थी उस नाम का असर नहीं हुआ और
गीत आज भी बन रहे हैं निरंतर बिना किसी लाग लपेट के.

सुनते हैं फिल्म आखिरी गोली से एक गीत आशा भोंसले का
गाया हुआ. वर्मा मलिक गीतकार हैं और कल्याणजी आनंदजी
संगीतकार.




गीत के बोल:

एक बात बताने आई हूँ एक बात बताने आई हूँ
तुझे दिल की सुनाने आई हूँ
एक छोरा देखा ऐसा जिसका सीना पर्वत जैसा
सच सच कह दूं लगता है वो बिलकुल तेरे जैसा
मेरे जैसा नाम तो बता
अरे नहीं बताती जा
एक बात बताने आई हूँ तुझे दिल की सुनाने आई हूँ

देखेगा तू जब उसको जल जल के मर जायेगा ओ
जल जल के मर जायेगा नींद तेरी उड़ जायेगी और
चैन तेरा लुट जायेगा ओ चैन तेरा लुट जायेगा
बातें करता है वो बढ़िया बातें करता है वो बढ़िया
जैसे चलती हैं फुलझडियां मीठा मीठा दर्द है जगा
जब से अँखियाँ लड़ियाँ
अच्छा तो ये बात है मुझसे भी मिलवा
अरे नहीं नहीं मिलवाती जा जा जा
एक बात बताने आई हूँ हाँ तुझे दिल की सुनाने आई हूँ

कल जब मिलने आएगा सज धज के मैं जाऊंगी ओ
सज धज के मैं जाऊंगी अपने अरमानों की माला
मैं उसे पहनाऊंगी मैं उसे पहनाऊंगी
हम टी मिलेंगे दोनों ऐसे भंवरा कली से मिलता जैसे
मिल के कभी ना बिछडेंगे हम दोनों मिलेंगे ऐसे
…………………………………………………..
Ek baat batane aayi hoon-Akhiri Goli 1977

Artists:

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Jul 31, 2018

देखो जी रात को जुलम-बेईमान १९७२

सन १९७२ के फिल्म बेईमान में मनोज  कुमार के
साथ स्नेहलता नाम की नायिका हैं. फिल्म में नाज़िमा
ने मनोज कुमार की बहन की भूमिका निभाई है.

एक गीत सुनते हैं जिसमें नायिका को कुछ शिकायत है
अलग तरह की. सुनने पर ही पता चलेगा आपको.
ये गीत प्रेम चोपड़ा और स्नेहलता पर फिल्माया गया
है. वर्मा मलिक गीतकार हैं, शंकर जयकिशन संगीतकार
और आशा भोंसले गायिका हैं,





गीत के बोल:

देखो जी रात को जुलम हो गया
ऊँगली दबा के चूड़ी खनका के
मुझको जगा के जाने खुद सो गया
खुद सो गया
देखो जी रात को जुलम हो गया
ऊँगली दबा के हाय चूड़ी खनका के
मुझको जगा के जाने खुद सो गया
खुद सो गया
देखो जी रात को जुलम हो गया

जुल्फों को छेड़ा आँचल उड़ाया
बाहों को छुआ मुझको सताया
दे के भरोसे दे के दिलासे
दर्द उठा के आग लगा के
आँखें मिला के ये सितम हो गया
हाय हाय ऊँगली दबा के चूड़ी खनका के
मुझको जगा के जाने खुद सो गया
खुद सो गया
देखो जी रात को जुलम हो गया

मेरी है गलती मेरी नादानी
समझी ना तेरी मैं बेईमानी
ऐसा ना देखा चोर अनोखा
प्यार का वादा वादे में धोखा
पूछे बिना ही मेरा दिल ले लिया
ऊँगली दबा के चूड़ी खनका के
मुझको जगा के जाने खुद सो गया
खुद सो गया
देखो जी रात को जुलम हो गया

मेरी अदाएं हैं मस्तानी
मुझको तो चाहे दुनिया दीवानी
देखा जो उसको हुई हैरानी
बुड्ढे पे देखो आ गयी जवानी
बुड्ढे को तौबा तौबा ये क्या हो गया
अरे अरे ऊँगली दबा के चूड़ी खनका के
मुझको जगा के जाने खुद सो गया
खुद सो गया
देखो जी रात को जुलम हो गया
……………………………………………….
Dekho ji raat ko julam-Beimaan 1972

Artists: Prem Chopda, Snehlata, Manoj Kumar

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Jul 20, 2018

तेरे जीवन का है-कर्मयोगी १९७८

काल का पहिया घूमे रे भैया लाख तरह इंसान चले. इस गीत
को आपने ज़रूर सुन होगा फिल्म चंदा और बिजली से जिसे
मन्ना डे ने गाया है. जीवन का सार है उसमें. कवि नीरज
की ये पंक्तियाँ आज याद हो आयीं.

जीवन दर्शन पर कई गीत बने हैं हिंदी फिल्म संगीत जगत में.
इनमें से कई तो अनमोल धरोहर जैसे हैं. सभी प्रमुख गीतकारों
ने ऐसे गीत लिखे हैं. शब्द चयन चाहे अलग हो मगर उनका
अर्थ लगभग समान मिलेगा आपको.

आज सुनते हैं सन १९७८ की फिल्म कर्मयोगी से एक गीत जिसे
मन्ना डे ने गाया है. वर्मा मलिक की रचना है और इसका संगीत
तैयार किया है कल्याणजी आनंदजी ने.




गीत के बोल:

तेरे जीवन का है कर्मों से नाता
तेरे जीवन का है कर्मों से नाता
तू ही अपना भाग्य विधाता
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
तेरे जीवन का है कर्मों से नाता

आज तू जिसको अच्छा समझे जान ले उसका कल क्या है
कल क्या है
सोच ले चलने से पहले तू उन राहों की मंजिल क्या है
मंजिल क्या है
जो भी किया है आगे आता तू इतना भी सोच न पाता
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
जैसी लिखेगा तू कर्मों की रेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
हो ओ ओ ओ ओ
देना होगा तिल तिल का लेखा
तेरे जीवन का है कर्मों से नाता

माना के काले कर्मों से तुझको खुशियाँ और सुख मिलता है
खुशियाँ और सुख मिलता है
आसमान को छूने वाले ये कितने दिन चलता है
कितने दिन चलता है
काहे रेत के महल बनाता झूठे बल से तू क्यूँ इतराता
हो ओ ओ ओ ओ ओ
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
हो ओ ओ ओ ओ ओ
देना होगा तिल तिल का लेखा
तेरे जीवन का है कर्मों से नाता
तू ही अपना भाग्य विधाता
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
जैसी लिखेगा कर्मों की रेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा
देना होगा तिल तिल का लेखा.
..................................................................
Tere jeevan ka hai-Karmyogi 1978

Artist: Rajkumar

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Jul 3, 2018

हम दो मस्त मलंग-बेईमान १९७२

महेंद्र कपूर और किशोर कुमार के गाये युगल गीत
शायद सबसे पहले ओ पी नैयर के संगीत निर्देशन
में सुनयी दिए. उसके बाद कल्याणजी आनंदजी के
संगीत निर्देशन में और फिर लक्ष्मी प्यारे ने भी कुछ
बनाये.

शंकर जयकिशन के संगीत में ये कोम्बिनेशन कम
दिखलाई देता है. प्रस्तुत गीत है फिल्म बेईमान से
जिसे लिखा है वर्मा मलिक ने. गीत में ढेर सारे नायक
और नायिकाओं के नाम है. मार्केटिंग का अच्छा फंडा
है ये. गीत में गायक महेंद्र कपूर का नाम भी आया
है. कामिनी के रोल में हैं स्नेहलता.



गीत के बोल:

हम दो मस्त मलंग पिलायें भर भर ठन्डे जाम
दस पैसे में पी के जाना काबुल के बादाम
हम दो मस्त मलंग पिलायें भर भर ठन्डे जाम
दस पैसे में पी के जाना काबुल के बादाम
ओ भैया ले ले सोटा ओ लाला दे दे घोटा
ओ खाला पी ले लोटा ओ खाला जी
हो जा मोटा

शीशे की डोली में लेटी देखो ये बदन की पेटी
ठंडी और मीठी है ऐसी गंगा जमुना के जल जैसी
बहू सास को अगर पिलाये सास कभी ना गर्मी खाए
मिल के पिए देवर भाभी घर में हो ना कभी खराबी
एक प्याले से वजन बढ़ेगा पूरे छै सौ ग्राम
दस पैसे में पी के जाना काबुल के बादाम

हम दो मस्त मलंग पिलायें भर भर ठन्डे जाम
दस पैसे में पी के जाना काबुल के बादाम
ओ भैया ले ले सोटा ओ लाला दे दे घोटा
ओ लाला पी ले लोटा ओ खाला जी
हो जा मोटा

हेमा मालिनी और शर्मिला पी की काम करे फुर्तीला
सायरा बानो राखी रेखा सबने इसको पी कर देखा
रगड़े राज कपूर राजेंद्रर राजेश खन्ना और धर्मेन्द्र
जाने मोहम्मद रफ़ी महेंदर पिए देव आनंद जीतेंद्र
रुस्तम-ए-हिंद बना दारा सिंह पी पी इसके जाम
दस पैसे में पी के जाना काबुल के बादाम
हम दो मस्त मलंग पिलायें भर भर ठन्डे जाम
दस पैसे में पी के जाना काबुल के बादाम
ओ भैया ले ले सोटा ओ लाला दे दे घोटा
ओ लाला पी ले लोटा ओ पी ले लोटा
हो जा मोटा

किधर गयी भाई खबर नहीं भाई
किधर गयी भाई खबर नहीं भाई
हे आँख मोटी पतली नाक लंबी गर्दन लाल फ्रॉक
कब से तुझको रहे पुकार खोल दे खिडकी दे दीदार
दे के जलवा मार इशारा खतम हो जाए झगडा सारा
समझ ले अब तू पकड़ी गयी है आ जा कामिनी
कहाँ छुपी रे
कहाँ गयी रे कामिनी
तेरी गली में आज हमें कोई और नहीं है काम
दस पैसे में पी के जाना काबुल के बादाम
हम दो मस्त मलंग पिलायें भर भर ठन्डे जाम
दस पैसे में पी के जाना काबुल के बादाम
ओ भैया ले ले सोटा ओ लाला दे दे घोटा
ओ लाला पी ले लोटा ओ खाला जी
हो जा मोटा
…………………………………………….
Hum do mast malang pilayen-Beimaan 1972

Artists: Pran, Manoj Kumar, Snehlata

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Jul 1, 2018

जय बोलो बेईमान की-बेईमान १९७२

ये बेईमान फिल्म का शीर्षक गीत है जो फिल्म में दो
संस्करण में उपलब्ध है. दोनों को मुकेश ने गाया है.
वर्मा मलिक गीतकार हैं, शंकर जयकिशन संगीतकार और
मुकेश ने इसे गाया है. अपने समय का चर्चित गीत है और
आज भी ये प्रासंगिक सा लगता है.

बेईमान शब्द की परिभाषा और व्याख्या की गयी गई गीत
में. इसे ट्यूटोरियल समझ लें.   



गीत के बोल:

न इज्ज़त की चिंता न फिकर कोई अपमान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
न इज्ज़त की चिंता न फिकर कोई अपमान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
जय बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो

बेईमान के बिना मात्रे होते अक्षर चार
ब बदकारी ई ईर्ष्या म से बने मक्कार
न सा नमक हराम समझो हो गए पूरे चार
चार गुनाह मिल जाएँ होता बेईमान तैयार
अरे उससे आँख मिलाये क्या हिम्मत है शैतान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो ओ बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो

भोला मुखडा उजले कपडे मन है काला काला
जिसकी दया से मंदिर चलते है आबाद शिवाला
नित मंदिर में पूजा करते दीपक जला जला कर
खुश करता भगवान को देखो घंटा बजा बजा कर
अंदर भगवान की जय हो और बाहर बेईमान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो ओ बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो

सेठ भी असली पेट भी असली नकली माल बनाये
ऊपर असली लेकिन अंदर नकली घी और चाय
पॉपलीं का नंबर बदल के टेरिलीन बनाये
या बेईमानी तेरा आसरा बोल के लूटता जाए
अरे अपने देश का कपडा और लगी है मुहर जापान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो ओ बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो

वृन्दावन के हम सन्यासी काम है चलते रहना
मौका है तकदीर बना लो हाथ न मलते रहना
हाथ की चूड़ी पाँव की पायल या हो गले का गहना
मार के मंतर दुगना कर दें माने अगर तू कहना
दो दिन पीछे खोलो लीला देखो भगवान की
जय बोलो भगवान की जय बोलो
जय बोलो भगवान की जय बोलो

पूरी सीट पर जटाजूट संग हैं महाराज पधारे
चिमटा चरस चिलम और चेले साथ साथ हैं सारे
टिकट ले कर भी गाडी में खड़े शरीफ बेचारे
और ये देखो भगवान के चमचे पड़े हैं पाँव पसारे
बिना टिकता यात्रा करते देखो तीर्थस्थान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो ओ बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
न इज्ज़त की चिंता न फिकर कोई अपमान की
जय बोलो बेईमान की जय बोलो ओ बोलो
जय बोलो बेईमान की जय बोलो
………………………………………………….
Jai bolo beimaan ki-Beimaan 1972

Artist: Manoj Kumar

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Jun 23, 2018

गया बचपन जो आई जवानी-आँखों आँखों में १९७२

हमने आपको एक गीत सुनवाया था फिर कब मिलोगी
का जिसे लता मंगेशकर ने गाया है. उसे सुन के जिस
गाने की गोल्डन, सिल्वर, प्लेटिनम यादें आती हैं वो
है सन १९७२ की फिल्म आँखों आँखों से लता का ही
गाया एक मस्त गीत.

वर्मा मालिक काफ़ी हाज़िर जवाब गीतकार और कवि
हैं. इस गीत में उनकी इस प्रतिभा का बढ़िया प्रदर्शन
है और उस पर नायिका की उछल कूद भी रोचक है.
कुछ गाने आपको ऐसे मिलेंगे जिसमें ऑडियो और
वीडियो के बीच डाल-डाल पात-पात का गेम चलता
दिखाई देता है. जवानी आते ही चुनरी पतंग हो गई
और ठिंगनी हीरोइन दो गज़ लंबी हो गयी एक साल
में. फ़िल्मी गीत है कुछ भी संभव है.

कहते हैं जब सितारे गर्दिश में होते हैं तो ऊँट पे बैठे
इंसान को भी कुत्ता काट लेता है. फिल्म संगम के
गीत बुड्ढा मिल गया की रिकॉर्डिंग के पीछे की कहानी
आपको कई जगह पढ़ने को मिल जायेगी. वो दौर था
१९६४ का और फिल्म थी राज कपूर की. इस गीत को,
मगर, शंकर जयकिशन ने लता से किस तरह गवाया
इसका विवरण कहीं नहीं मिलता.

राखी और राकेश रोशन के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही
है इस गीत में- सबसे ज़्यादा गुलाबी कौन. गीत में
एक अर्ध-चम्पू सा युवक अपने बाप के साथ दिखाई
दे रहा है. ये एक्सरसाईज़ उसे फ्रसट्रेट करने के लिए
की जा रही है. उम्मीद है इस गाने के फिल्मांकन के
बाद फर्श काफ़ी साफ़ हो गया होगा और कपडे धुलाई
वाले ने साड़ी धोने से मन कर दिया होगा.

फिल्म का कहानी लेखन सचिन भौमिक और एहसान
रिज़वी का है.



गीत के बोल:

गया बचपन
गया बचपन जो आई जवानी
तो चुनरी पतंग हो गयी
गया बचपन जो आई जवानी
तो चुनरी पतंग हो गयी
ऐसी पलकों में
ऐसी पलकों में छाई जो मस्ती
तबियत मलंग हो गयी
ऐसी पलकों में छाई जो मस्ती
तबियत मलंग हो गयी
गया बचपन

हिरणी की चाल बस गई मेरी चाल में
हा हा हो हो हा हा हो हो
हिरणी की चाल बस गई मेरी चाल में
दो गज़लम्बी हो गयी एक साल में
दो गज़ लम्बी हो गयी एक साल में
दे दे बचपन
दे दे बचपन तू ले ले जवानी
जवानी से मैं तंग हो गयी
दे दे बचपन तू ले ले जवानी
जवानी से मैं तंग हो गयी

गया बचपन जो आई जवानी
तो चुनरी पतंग हो गयी
गया बचपन

देखा जो तुझको उठी ऐसी हलचल
ला ला ला ला ला ला ला ला
देखा जो तुझको उठी ऐसी हलचल
मुझसे लिपट गया बेसरम आँचल
मुझसे लिपट गया बेसरम आँचल
मेरे होठों की
मेरे होठों की सुर्खी मचल के
चुनरिया का रंग हो गयी
मेरे होठों की सुर्खी मचल के
चुनरिया का रंग हो गयी

गया बचपन जो आई जवानी
तो चुनरी पतंग हो गयी
गया बचपन

दिल वाले बैठे मेरी राहें घेर के
आ हा ओ हो आ हा ओ हो
दिलवाले बैठे मेरी रहे घेरते
रुक जायें वहीँ जहाँ देखूं मुँह फेर के
रुक जायें वहीँ जहाँ देखूं मुँह फेर के
किसी बाबू से अंग्रेजी बाबू से
किसी बाबू से मिल गई जो अंखियां
तो अँखियों की जंग हो गयी
किसी बाबू से मिल गई जो अंखियां
तो अँखियो की जंग हो गायी

गया बचपन जो आई जवानी
तो चुनरी पतंग हो गयी
ऐसी पलकों में छाई जो मस्ती
तबियत मलंग हो गयी
गया बचपन
…………………………………………….
Gaya bachpan jo aayi-Aankhon aankhon mein 1972

Artist: Rakhi, Rakesh Roshan

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May 21, 2018

कसम है तुझे…पीने से पिलाने से-दीदार १९७०

तरह तरह की कसमें. किसी के नाम की कसम, किसी के जाम
की कसम. इधर तो मैखाने की कसम दिलाई जा रही है. फिल्म
का नाम है दीदार जो सन १९७० की एक फिल्म है. वर्मा मलिक
ने इसे लिखा था और उषा खन्ना ने धुन बनाई. गायक कलाकार
हैं किशोर कुमार और उषा खन्ना.

आपको पिछले साल दीदार से किशोर कुमार का गाया एक रूमानी
गीत सुनवाया था. ऐसा लगता है गीत किसी श्वेत श्याम युग की
फिल्म के लिया तैयार किया गया था जिसे सन १९७० की फिल्म
के लिए इस्तेमाल कर लिया गया. किशोर का एकल गीत ज़रूर
नयी रिकॉर्डिंग है मगर प्रस्तुत गीत १९६५ या ६६ के आसपास की
इजाद सुनाई देती है.



गीत के बोल:


क़सम है तुझे महफ़िल की
मैं नाचूँ तू पी मैं नाचूँ तू हिक
बिलि बिलि वप्पा व वप्पा
बिलि बिलि वप्पा व वप्पा
बिलि बिलि वप्पा व वप्पा
बिलि बिलि वप्पा व वप्पा

पीने से पिलाने से पैमाने से मयख़ाने से
बेगाने से ज़माने से तू बच बचा तू बच बचा
पीने से पिलाने से पैमाने से मयख़ाने से
बेगाने से ज़माने से तू बच बचा तू बच बचा

हे जवानी में कभी किस कभी किस
हे हे हो हो हे हे
जवानी में कभी किसी से आँख न लड़ा
आँख लड़ जाए तो भी दिल ना मिला, हे
दिल मिल जाए भी तो शोर न मचा
मीठे-मीठे वादों पे तू सबको नचा
क्यूँ ?
क्यूँ क्या
यहाँ दिल भी बुरा है दिलदार भी बुरा
इकरार भी बुरा है इनकार भी बुरा
इनकार भी बुरा
पीने से
पिलाने से
पैमाने से
मयख़ाने से
बेगाने से ज़माने से तू बच बचा
तू बच बचा
बिलि बिलि बप्पा ब बप्पा
बिलि बिलि बप्पा ब बप्पा
बिलि बिलि बप्पा ब बप्पा

अरे दिल दे कोई तो कोई तो कोई तो
हे हे हो हो हे
अरे दिल दे कोई तो दिल तोड़ दो बेशक़
आँख जो मिलाये आँखें फोड़ दो बेशक़ हू हू
फूल ना खिले तो टहनी मोड़ दो बेशक़
बुरी दुनिया है इसे छोड़ दो बेशक़
किसलिए ?
किसलिए क्या
नेक नाम भी बुरा बदनाम भी बुरा
आग़ाज़ भी बुरा है अंजाम भी बुरा
अंजाम भी बुरा

पीने से पिलाने से पैमाने से मयख़ाने से
बेगाने से ज़माने से तू बच बचा
तू बच बचा
.........................................................................
Peene se pilane se-Deedar 1970

Artists:

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May 14, 2018

जो तुम हंसोगे तो-कठपुतली १९७१

किशोर कुमार द्वारा गाये उए संजीदा और जीवन दर्शन वाले
गीतों में से एक और आज प्रस्तुत है:

फ़िल्म: कठपुतली
वर्ष: १९७१
गीतकार: वर्मा मलिक
संगीतकार: कल्याणजी-आनंदजी
गायक: किशोर कुमार



गीत के बोल:

जो तुम हंसोगे तो दुनिया हंसेगी
रोओगे तुम तो ना रोएगी दुनिया
तेरे आंसुओं को समझ ना सकेगी
तेरे आंसुओं पे हंसेगी ये दुनिया

सूरज की किरणों ने जग में किया सवेरा
दीपक जो हंसने लगा तो हो गया दूर अंधेरा
जगमगाते रहो गुनगुनाते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कराते रहो

जो तुम हंसोगे तो दुनिया हंसेगी
रोओगे तुम तो ना रोएगी दुनिया
ना रोएगी दुनिया

कली हंसी तो फूल खिला फूल से हंसे नज़ारे
लेकर हंसी नज़ारों की हंस दिए चांद-सितारे
तुम सितारों की तरह तुम नज़ारों की तरह
ज़िन्दगी में सदा मुस्कराते रहो

जो तुम हंसोगे तो दुनिया हंसेगी
रोओगे तुम तो ना रोएगी दुनिया
ना रोएगी दुनिया
…………………………………………………………………..
Jo tum hansoge to-Kathputli 1871

Artist: Jeetendra

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Mar 12, 2018

बता मेरे मोती मैं क्या करूं-चट्टान सिंह १९७५

सन १९७५ की फिल्म चट्टान सिंह में प्रेमनाथ का बढ़िया
अभिनय है. उन्होंने डाकू की भूमिका एक आध फिल्म में
और की है मगर सबसे ज्यादा कवरेज उन्हें इसी फिल्म में
मिला है.

फिल्म जब रिलीज़ हुई थी तब इसका एक गीत काफी फेमस
हुआ था खास कर युवाओं के बीच. गीत में विनोद मेहरा और
योगिता बाली एक पालतू कुत्ते से प्रश्न कर रहे हैं कि क्या
किया जाए. इंसान को जब कुछ समझ ना आये तो ये भी
कर के देख लेने में क्या हर्ज है. हम तो इसी गीत को देखने
सिनेमा गृह गए थे.

ये अनूठा गीत लिखा है वर्मा मलिक ने और किशोर कुमार
संग आशा ने इसे गाया है कल्याणजी आनंदजी की धुन पर.
कल्याणजी आनंदजी किशोर कुमार के लिए काफी मनोरंजक
गीत बना चुके हैं.

इस ब्लॉग पर आ कर विशेष किस्म की गतिविधियों में संलग्न
वो पाठक जो कंट्रोल सी और कंट्रोल एस की कुंजियों का इस्तेमाल
करते हैं उनको  एडवांस में धन्यवाद.



गीत के बोल:

मोती मोती मोती
व्हाऊँ व्हाऊँ व्हाऊँ
एक काम कर हम दोनों का फैसला करा दे
हाँ मैं भी यही चाहती हूँ
व्हाऊँ व्हाऊँ व्हाऊँ
जब कोई लड़की
जब कोई लड़की बार बार मेरे दिल को तड़पाए
जब कोई लड़की बार बार मेरे दिल को तड़पाए
रातों में सपनों में मिले और दिन को पास न आये
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं
आ हा समझ गया प्यार करू ना
व्हाऊँ व्हाऊँ व्हाऊँ

जब कोई लड़का
जब कोई लड़का रोज रोज ही आ के मुझे सताए
बन के रोमियो शाम सवेरे पीछे ही पड़ जाए
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं
व्हेऊँ व्हेऊँ व्हेऊँ व्हेऊँ व्हेऊँ
हाँ समझी गुस्सा करूं ना

ये तो बता दे क्या मौसम बुरा है
व्हाऊँ ऊं आ ऊं
हाँ ये तो बता दे क्या मौसम बुरा है
मौसम अच्छा है तो क्या मौका बुरा है
वां ऊं वां
फिर क्यूँ है इतनी दूरी अरे कैसी ये मजबूरी
क्या मिलना नहीं ज़रूरी
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं

जब कोई लड़का रोज रोज ही आ के मुझे सताए
बन के रोमियो शाम सवेरे पीछे ही पड़ जाए
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं

पूछो इससे मोती ये क्या मांगता है
वाऊँ वाऊँ
हाँ पूछो ना
पूछो इससे मोती ये क्या मांगता है
मोहब्बत क्या होती है ये जानता है
वाऊँ वाऊँ
इसको बोलो जाए प्यार ये सीख के आये
यूँ मुझको ना सताए
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं
बता दे मेरे मोती मैं क्या करूं
जब कोई लड़की
जब कोई लड़का
जब कोई लड़की बार बार मेरे दिल को तड़पाए
बन के रोमियो शाम सवेरे पीछे ही पड़ जाए
बता दे मेरे मोती हम क्या करें
बता दे मेरे मोती हम क्या करें
प्यार करो प्यार करो प्यार करो
आ ऊं ऐ ऊं आ आ ऊं वूं ऊं
…………………………………………………………
Bata mere moti main kya karoon-Chattan Singh 1974

Artists: Vinod Mehra, Yogita Bali, Moti

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Oct 4, 2017

चन्दा मामा से प्यारा मेरा मामा-कर्तव्य १९७९

असल जीवन की और फिल्मों की कहानियों में कुछ ही मामा नाम के
चरित्र आपको साफ़ सुथरे मिलेंगे. एक फ़िल्मी गीत सुनते हैं जिसमें
मामा को चंदा मामा से बेहतर बताया गया है.

७९ की फिल्म कर्त्तव्य का ये गीत गाया है उषा मंगेशकर और रफ़ी ने.




गीत के बोल:

बोल बाद में........
.............................................................................
Chanda mama se pyara-Kartavya 1979

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Oct 1, 2017

हे जग पालक सृष्टि के मालिक-काला आदमी १९७८

आज सुनते हैं एक लोकप्रिय फ़िल्मी भजन जिसे आपने कई बार
भक्ति संगीत के कार्यक्रमों में सुना होगा.

वर्मा मालिक का गीत है, लक्ष्मी प्यारे का संगीत और इसे गाया
है मन्ना डे, सुमन कल्यानपुर और कोरस ने.

जिस फिल्म का ये गीत है उसका नाम है काला आदमी जिसमें
सुनील दत्त और सायरा बानो प्रमुख कलाकार हैं. फिल्म का नाम
आपने नहीं सुना होगा.





गीत के बोल:

जय जय कृष्ण कन्हैया
कन्हैया कृष्ण कन्हैया
जय जय कृष्ण कन्हैया
रास रचैया ओ बलराम के भैया
नाग नचैया रास रचैया
पार लगा दो नैया

हो ओ ओ
हे जग पालक सृष्टि के मालिक
हे जग पालक सृष्टि के मालिक
विनती मेरी स्वीकार करो
हे जग पालक सृष्टि के मालिक
हे जग पालक सृष्टि के मालिक
विनती मेरी स्वीकार करो
दे दो शरण अपने चरण में
मुझपे ये उपकार करो
हे जग पालक सृष्टि के मालिक

भटक गए हैं अपने पथ से हो
भटक गए हैं अपने पथ से
आ के राह दिखाओ राह दिखाओ
आ के राह दिखाओ
तुम अपने हो अपने जान के
अपने गले लगाओ
अपने गले लगाओ अपने गले लगाओ
मन को आत्म शक्ति दे कर
मन को आत्म शक्ति दे कर
मेरा भी उद्धार करो

हे जग पालक सृष्टि के मालिक
हे जग पालक सृष्टि के मालिक
जय जय कृष्ण कन्हैया
कन्हैया कृष्ण कन्हैया
जय जय कृष्ण कन्हैया
कन्हैया कृष्ण कन्हैया
जय जय कृष्ण कन्हैया
कन्हैया कृष्ण कन्हैया
.............................................................................
He jagpalak srishti ke malik-Kaala Aadmi 1978

Artist: Pran

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Sep 13, 2017

हाय हाय ये मजबूरी-रोटी कपड़ा और मकान १९७४

दो टके की नौकरी-ये शब्द इस गीत की पञ्च लाइन है.
सावन तो अनमोल है ये इस गीत के माध्यम से समझें.
फ़िल्मी नायक को नौकरी नहीं मिली तो क्या छोकरी
तो मिल गई. ऐसे लुभावने दृश्य फिल्मों में ही ज्यादा
दिखलाई देते हैं.

गीत अपने समय का चर्चित गीत है और इसमें बरसात
भी हो रही है. हिंदी फ़िल्मी बरसात और नायिकाओं पर
एक मोटी सी किताब लिखी जा सकती है. हो सकता है
किसी किताब लिखने वाले ने इस पर कार्य भी शुरू कर
दिया हो.

गीत वर्मा मालिक का है और इसे लता मंगेशकर ने गाया
है लक्ष्मी प्यारे के संगीत निर्देशन में.




गीत के बोल:

अरे हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी
अरे हाय हाय हाय मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो टकियाँ दी नौकरी वे मेरा लाखों का सावन जाये
हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी

कितने सावन बीत गये
कितने सावन बीत गये बैठी हूँ आस लगाये
जिस सावन में मिले सजनवा वो सावन कब आये
कब आये
मधुर मिलन का ये सावन हाथों से निकला जाये
तेरी दो टकियाँ दी नौकरी वे मेरा लाखों का सावन जाये
हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी

प्रेम का ऐसा बंधन है
प्रेम का ऐसा बंधन है जो बंध के फिर ना टूटे
अरे नौकरी का है क्या भरोसा आज मिले कल छूटे
कल छूटे
अम्बर पे है रचा स्वयंवर फिर भी तू घबराये
तेरी दो टकियाँ दी नौकरी वे मेरा लाखों का सावन जाये
रंग डिंग डांग डिंग डांग डांग डांग डांग
रंग डिंग डांग डिंग डांग डांग डांग डांग
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो टकियाँ दी नौकरी वे मेरा लाखों का सावन जाये
हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी
..................................................................
Haye haye ye majboori-Roti kapda aur makan 1974

Artists: Zeenat Aman, Manoj Kumar

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Aug 24, 2017

तेरे इश्क़ का मुझपे-नागिन १९७६

सुनील दत्त और रेखा पर फिल्माया गया एक गीत आपने सुना. एक
और गीत सुनते हैं इसी जोड़ी पर फिल्माया गया जो सन १९७६ की
फिल्म नागिन से है. ३ साल के अंतराल में अभिनेत्री रेखा के चेहरे
में काफी परिवर्तन आया जबकि सुनील दत्त के चहरे में ज्यादा बदलाव
नहीं है. रेखा के चेहरे पर परिपक्वता के भाव उभरने शुरू हो गए और
जो मासूमियत सावन भादों वाली थी वो धीरे धीरे कम होती चली.
अभिनय में पहले से ज्यादा निखार है.

वर्मा मालिक के लिखे गीत को गाया है रफ़ी और आशा ने लक्ष्मी प्यारे
की धुन पर.





गीत के बोल:

तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
न अपनी ख़बर है न दिल की ख़बर है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
जिधर देखती हूँ तू आता नज़र है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है

मुझे प्यार ऐसे तुम्हारा मिला है
के कलियों को जैसे नज़ारा मिला है
यूँ शीशे में मुझको इशारा मिला है
के तूफ़ाँ को जैसे किनारा मिला है
तेरी ही नज़र पे ये मेरी नज़र है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है

ये जी चाहता है ओ मेरे सनम
के दो की जगह एक हो जाएँ हम
तेरे हाथ है मौत और ज़िन्दगी
लो अब आ गई फ़ैसले की घड़ी
होता नहीं अब तो मुझसे सबर है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
न अपनी ख़बर है न दिल की ख़बर है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
तेरे इश्क़ का मुझपे हुआ ये असर है
.................................................................................
Tere ishq ka mujhpe hua ye asar-Nagin 1976

Artists: Sunil Dutt, Rekha

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Aug 13, 2017

एक रुपया दोगे-शेरनी १९८८

सन १९८८ की फिल्म शेरनी से एक गीत सुनते हैं. आपने कई
हिंदी गीतों में छप्पन छुरी शब्द सुने होंगे. ये ना तो पचपन
हुई ना ही चौवन. गिनती हमेश से फिक्स रही है इन शब्दों में.
सुनने में अटपटे ज़रूर लगते हैं ये शब्द मगर चलन में हैं.

वर्मा मलिक के गीत को अनुराधा पौडवाल ने गाया है और इस
गीत कि तर्ज़ बनाई है कल्याणजी आनंदजी ने.



गीत के बोल:

आ गई आ गई आ गई
अरे छप्पन छुरी छम छम छम करत आ गई
हाँ तो क्या करेगी
अरे गायेगी नाचेगी झूमेगी और सबका दिल बहलाएगी
हाँ तो भाई जान मेहरबान कद्रदान कुछ क़दर कीजिए
याने सिर्फ़ एक रुपया दीजिए
मेरे भैया एक रुपया

एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
ओ पहले गाना गाऊँगी
पहले गाना गाऊँगी फिर सलाम करूँगी
एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
हो दो दो काम करूँगी

ज़रा चढ़ती जवानी के नज़ारे देखना
अरे जलवे ये जलवे कंवारे देखना
मैं तो अँखियों में भर दूँगी मीठे सपने
जो कुछ हैं तुम्हारे कुछ मेरे अपने
अरे जो भी करूंगी
हाँ हाँ जो भी करूँगी खुले आम करूँगी

एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
हो दो दो काम करूँगी

मेरे गालों पे ज़ुल्फ़ जो मचल जाएगी
मेरे गालों पे ज़ुल्फ़ जो मचल जाएगी
अरे कईयों की नीयत बदल जाएगी
मेरी पतली कमर में जो लोच आएगी
दीवाने दिलों को ये तड़पाएगी
हो मैं तो रातों की निंदिया
मैं तो रातों की निंदिया हराम करूँगी

एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
हो पहले गाना गाऊँगी
पहले गाना गाऊँगी फिर सलाम करूँगी
एक रुपया
एक रुपया दोगे दो दो काम करूँगी
हो दो दो काम करूँगी
....................................................................
Ek rupya doge-Sherni 1988

Artist: Sridevi

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