नज़र से फूल चुनती है नज़र-अहिस्ता अहिस्ता
के वक़्त दोनों ही चेहरे नए थे। पद्मिनी कोल्हापुरे को ज़रूर जनता
पहचानने लगी थी तब तक। फिल्म का नाम है-अहिस्ता अहिस्ता
और प्रस्तुत गीत फिल्म का शीर्षक गीत है। फिल्म के गीत काफी
लोकप्रिय थे रिलीज़ के वक़्त और उसके बाद इक्का दुक्का गीत आज
भी सुनाई दे जाते हैं कभी। गीत नक्श लायलपुरी का लिखा हुआ है
और संगीत तैयार किया है खय्याम ने। आशा भोंसले और अनवर
इसके पार्श्व गायक हैं। नायक हैं शशि कपूर के सुपुत्र कुणाल कपूर।
गीत के बोल :
नजर से फूल चुनती हैं नजर
नजर से फूल चुनती हैं नजर, आहिस्ता, आहिस्ता
आहिस्ता, आहिस्ता
मोहब्बत रंग लाती हैं मगर
मोहब्बत रंग लाती हैं मगर, आहिस्ता, आहिस्ता
आहिस्ता, आहिस्ता
दुआएं दे रहे हैं पेड, मौसम जोगिया सा हैं
तुम्हारा साथ है् जब से, हर एक मंझर नया सा हैं
दुआएं दे रहे हैं पेड, मौसम जोगिया सा हैं
तुम्हारा साथ है् जब से, हर एक मंझर नया सा हैं
हसीं लगने लगी हर रहगुजर,
आहिस्ता, आहिस्ता
बहुत अच्छे हो तुम, फिर भी हमे तुम से हया क्यों है
तुम ही बोलो हमारे दरमियाँ ये फासला क्यों हैं
बहुत अच्छे हो तुम, फिर भी हमे तुमसे हया क्यों है
तुम ही बोलो हमारे दरमियाँ ये फासला क्यों हैं
मजा जब हैं के तय हो ये सफर, आहिस्ता, आहिस्ता
आहिस्ता, आहिस्ता
हमेशा से अकेलेपन में कोई मुस्कुराता हैं
ये रिश्ता प्यार का हैं, आसमां से बन के आता हैं
हमेशा से अकेलेपन में कोई मुस्कुराता हैं
ये रिश्ता प्यार का हैं, आसमां से बनके आता हैं
मगर होती हैं दिल को ये खबर, आहिस्ता, आहिस्ता
आहिस्ता, आहिस्ता
नजर से फूल चुनती हैं नजर, आहिस्ता, आहिस्ता
आहिस्ता, आहिस्ता
मोहब्बत रंग लाती हैं मगर, आहिस्ता, आहिस्ता
आहिस्ता, आहिस्ता
...................................................
Nazar se phool chunti hai nazar-Ahista ahista 1981
0 comments:
Post a Comment