काहे को बीन बजाये सपेरे-सहेली १९६५
गाने बहुत याद आ रहे हैं। एक और सुन लीजिये-ये है सन १९६५ की
फिल्म सहेली से। फिल्म नागिन(जिसमें हेमंत कुमार का संगीत
था) के लिए एक गीत में 'क्ले वायलिन' से बीन की ध्वनि निकालने
वाले कल्याणजी भाई और रवि ने अपने अपने तरीके से बीन की
आवाज़ का इस्तेमाल किया। सबसे ज्यादा इस्तेमाल आपको कल्याणजी
आनंदजी के गीतों में मिलेगा, रवि के इक्का दुक्का गीत ही हैं। गौरतलब
है कि फिल्म नागिन के पदार्पण तक ना तो संगीतकार कल्याणजी और
ना ही रवि का नाम ज्यादा लोगों को मालूम था। बतौर स्वतंत्र संगीतकार
रवि ने पहली फिल्म की-वचन(१९५५) और कल्याणजी वीरजी शाह ने की
वो थी सम्राट चन्द्रगुप्त (१९५८) । फिल्म सहेली में संगीतकार भाइयों की जोड़ी-
कल्याणजी आनंदजी ने संगीत दिया है। बाकी की चर्चा फिर कभी। फिलहाल ये गीत
सुनिए। अर्जुन हिंगोरानी के निर्देशन में बनी फिल्म सहेली में कई मधुर गीत हैं।
गीत लिखा है शमीम जयपुरी ने। इस फिल्म के कुछ गीत इन्दीवर ने भी
लिखे हैं। ये गीत विडियो देखने के बाद ज्यादा बढ़िया लगने लगा है।
धन्यवाद् यू ट्यूब और उसके दयालु अपलोडर्स का। इतना तो तय है कि
कल्पना इस गीत में ज्यादा खूबसूरत नज़र आती हैं बजाये फिल्म प्रोफ़ेसर
के गीत -मैं चली मैं चली के।
गीत के बोल:
आ आ आ आ आ आ आ आ
ओ ओ ओ ओ ओ , ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ, ओ ओ
कहे तू बीन बजाये संपेरे
कहे तू बीन बजाये
कहे तू बीन बजाये संपेरे
कहे तू बीन बजाये
बैरी लगी में और लगाये
कौन तुझे समझाए
संपेरे, कहे तू बीन बजाये
अब मैं तोसे प्रीत निभाऊं
या के जग की रीत निभाऊं
हो ओ ओ अब मैं तोसे प्रीत निभाऊं
या के जग की रीत निभाऊं
जग रोके और मन बहकाए
कहे तू बीन बजाये संपेरे
कहे तू बीन बजाये
संपेरे, कहे तू बीन बजाये
नाचत नाचत गिर गिर जाऊं
कैसे नटखट को समझाऊँ
हो ओ ओ नाचत नाचत गिर गिर जाऊं
कैसे नटखट को समझाऊँ
बेदर्दी तोहे लाज ना आये
कहे तू बीन बजाये संपेरे
कहे तू बीन बजाये
बैरी लगी में और लगाये
कौन तुझे समझाए
संपेरे, कहे तू बीन बजाये
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Kahe too been bajaye sanpere-Saheli 1964
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