मुरलिया बाजे री जमुना के तीर-तूफ़ान और दिया १९५६
आइये एक बार फिर से हिंदी फिल्म संगीत के स्वर्णिम दौर
की तरफ चलें। इस बार आपको सन ५६ की एक फिल्म
तूफ़ान और दिया से एक मधुर भजननुमा गीत सुनवाते हैं।
भक्त मीरा बाई की रचना है यह और इसका संगीत तैयार किया है
वसंत देसाई ने। इस रचना को समय समय पर कई कलाकारों
ने अपनी आवाज़ और अपने अंदाज़ में गाया है जिनमें से
एक जगजीत सिंह की पत्नी चित्रा सिंह भी हैं।
गीत परदे पर गा रही हैं अभिनेत्री नंदा। वसंत देसाई का संगीत
है फिल्म में और इस ब्लॉग पर यह फिल्म का तीसरा गीत है।
गीत सीधा और सरल सा है और इसे आसानी से गुनगुनाया जा
सकता है। गायिका हैं लता मंगेशकर।
गीत के बोल:
मुरलिया बाजे री जमुना के तीर
मुरलिया बाजे री जमुना के तीर
मुरली सुनत मेरो मन हर लीनो
मुरली सुनत मेरो मन हर लीनो
चीत धरत नहीं धीर
चीत धरत नहीं धीर
कारो कन्हैया कारी कमरिया
कारो कन्हैया कारी कमरिया
कारो जमुना को नीर
कारो जमुना को नीर
मुरलिया बाजे री जमुना के तीर
मुरलिया बाजे री जमुना के तीर
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
चरण कमल पे सीर
चरण कमल पे सीर
कारो कन्हैया कारी कमरिया
कारो कन्हैया कारी कमरिया
कारो जमुना को नीर
कारो जमुना को नीर
मुरलिया बाजे री जमुना के तीर
मुरलिया बाजे री जमुना के तीर
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