May 20, 2011

जा री जा री ओ कारी बदरिया-आज़ाद १९५५

कुछ गीत बचपन की यादों से जुड़े होते हैं तो कुछ के साथ
पचपन की उम्र जुडी होती है। आज की पीढ़ी के हिसाब से
ये गीत काफी बुज़ुर्ग गीत है । एक पडोसी चौबे जी जो
बनारस निवासी थे, अक्सर अपने माइके(उनका पैतृक घर
बनारस में था) जाया करते। उनकी बीवी थी जौनपुर की,
मगर वो अपने माइके जाने को उतनी उत्सुक नहीं होती
जितने कि चौबे जी। चौबे जी के जाते ही उनकी श्रीमती
बात बात में उल्लेख करतीं-वो घर गए हैं, वो बनारस गए हैं,
वो यू. पी. गए हैं, इत्यादि।

वे जब जब जाते, हम लोग ऊंचे सुर में ये गाना गाया करते-
जा री जा री ओ कारी बदरिया.................उत्तर प्रदेश गए हैं
सांवरिया.......

खैर ये तो एक प्रसंग हुआ, गीत के बारे में बात की जाये। फिल्म
आज़ाद का संगीत बेहद लोकप्रिय हुआ और ये फिल्म के सबसे
लोकप्रिय गीतों में से एक है। मीना कुमारी पर फिल्माए और
लता द्वारा गए इस गीत के रचयिता हैं-राजेंद्र कृष्ण और
संगीत दिया है सी रामचंद्र ने। गीत के सभी उपलब्ध विडियो पर
टेल पड़े हुए हैं यू ट्यूब पर, अतः संगीतकार सी रामचंद्र की फोटू
देख देख कर ही गीत का आनंद उठा लीजिये।



गीत के बोल:

जा री जा री ओ कारी बदरिया
जा री जा री ओ कारी बदरिया
मत बरसो री मोरी नगरिया
परदेस गए हैं सांवरिया
जा री जा री ओ कारी बदरिया
जा री जा री ओ कारी बदरिया

कहे धीरे धीरे शोर मचाये री
कहे धीरे धीरे शोर मचाये री
मेरा नरम करजवा जलाये री
मेरा नरम करजवा जलाये री
मेरा मनवा जले, कोई बस ना चले
मेरा मनवा जले, कोई बस ना चले
हाय तक तक के सूनी डगरिया

जा री जा री ओ कारी बदरिया
जा री जा री ओ कारी बदरिया
मत बरसो री मोरी नगरिया
परदेस गए हैं सांवरिया
जा री जा री ओ कारी बदरिया
जा री जा री ओ कारी बदरिया

जइयो जइयो री देश पिया के
जइयो जइयो री देश पिया के
कहियो दुखड़े तू मेरे जिया के
कहियो दुखड़े तू मेरे जिया के
कहियो छम छम रोये, अखियाँ न सोये
कहियो छम छम रोये, अखियाँ न सोये
हुई याद में पी की बाँवरिया

जा री जा री ओ कारी बदरिया
जा री जा री ओ कारी बदरिया
मत बरसो री मोरी नगरिया
परदेस गए हैं सांवरिया
जा री जा री ओ कारी बदरिया
जा री जा री ओ कारी बदरिया
.......................................
Ja ri ja ri o kari badariya-Azaad 1955

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