तस्वीर बनाता हूँ तेरी-दीवाना १९५२
आइये अमर गीतों की श्रंखला में अगला गीत सुनें फिल्म दीवाना(१९५२)
से। अभिनेता सुरेश परदे पर अभिनेत्री सुरैया की तस्वीर बनाते हुए दीवाने
हुए जा रहे हैं। उनकी दीवानगी में सहायक हैं शकील बदायूनीं के बोल और
नौशाद का संगीत। फिल्म में सुरैया के चरित्र का नाम बहुत घरेलू सा है-लाली।
गीत गाया है मोहम्मद रफ़ी ने और ये उनके गाये सर्वश्रेष्ठ गीतों में से एक है।
अफोस बस इतना है कि अभिनेता सुरेश ने इस शानदार गीत पर टाइम-पास
किस्म की एक्टिंग की है। सावन और जुल्फों के कनेक्शन पर गौर फरमाएं।
गीत के बोल:
तस्वीर बनाता हूँ तेरी खून-ए-जिगर से
खून-ए-जिगर से
देखा है तुझे मैंने मोहब्बत की नज़र से, अरे
मोहब्बत की नज़र से
तस्वीर बनाता हूँ तेरी खून-ए-जिगर से
खून-ए-जिगर से
जितने भी मिले रंग वो
सब भर दिए तुझ में, हाय
भर दिए तुझ में
एक रंग-ए-वफ़ा और है
लाऊं वो किधर से, अरे
लाऊं वो किधर से
तस्वीर बनाता हूँ तेरी खून-ए-जिगर से
खून-ए-जिगर से
सावन तेरी जुल्फों से घटा
मांग के लाया, हाय
मांग के लाया
बिजली ने चुरायी है तड़प
तेरी नज़र से, अरे
तड़प तेरी नज़र से
मैं दिल में बुला कर तुझे
रुखसत ना करूंगा, हाय
रुखसत ना करूंगा
मुश्किल है तेरा लौट के
जाना मेरे घर से, अरे
जाना मेरे घर से
तस्वीर बनता हूँ तेरी खून-ए-जिगर से
खून-ए-जिगर से
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Tasveer banata hoon teri khoon-e-jigar se-Deewana 1952
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