Jul 19, 2011

चुप तुम रहो चुप हम रहें-इस रात की सुबह नहीं १९९६

नए युग से एक गीत सुनवाते हैं आपको चित्रा और एम् एम् क्रीम का गाया
हुआ. एम् एम् क्रीम दक्षिण भारत के फ़िल्मी संगीतकार हैं. उन्होंने कुछ हिंदी
फिल्मों में भी संगीत दिया है, जिसमें से कुछ एक गीत प्रसिद्द हुए हैं जैसे की
फिल्म क्रिमिनल के गीत.

आज का जो गीत है वो फिल्म "चुप तुम रहो चुप हम रहें से लिया गया है.
गीत निदा फाजली ने लिखा है. फिल्म में तारा देशपांडे, निर्मल पांडे और
आशीष विद्यार्थी की प्रमुख भूमिकाएं हैं. इनमें से जो पहचान में आते हैं वो
हैं निर्मल पांडे जो शेखर कपूर निर्देशित चर्चित फिल्म बैंडिट क्वीन में काम
कर चुके हैं. कुरता पहने जो सज्जन परदे पर गा रहे हैं वो शायद माधवन हैं.




गीत के बोल:

चुप तुम रहो चुप हम रहें
चुप तुम रहो चुप हम रहें
खामोशी को खामोशी से
ज़िंदगी को ज़िंदगी से, बात करने दो
ओ ओ ओ

चुप तुम रहो चुप हम रहें
चुप तुम रहो चुप हम रहें
खामोशी को खामोशी से
ज़िंदगी को ज़िंदगी से, बात करने दो
ओ ओ ओ

चुप तुम रहो चुप हम रहें
चुप तुम रहो

आँखों में खो जाएं आँखें बोलें हाथों से हाथ
बाहों में छुपकर साँसों से जैसे डोले रात
उंगलियों को उंगलियों से
मौसमों को शोखियों से, बात करने दो

चुप तुम रहो चुप हम रहें
चुप तुम रहो चुप हम रहें
खामोशी को खामोशी से
ज़िंदगी को ज़िंदगी से, बात करने दो

होंठों पर होंठों से लिखे बिन शब्दों के गीत
धरती से अम्बर तक गूंजे जिस्मों का संगीत
बेखुदी को बेखुदी से
आशिक़ी को आशिक़ी से, बात करने दो

चुप तुम रहो चुप हम रहें
चुप तुम रहो चुप हम रहें
खामोशी को खामोशी से
ज़िंदगी को ज़िंदगी से, बात करने दो
...................................
Chup tum raho chup hum rahen-Is raat ki subah nahin 1996

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP