छोटी सी ये ज़िंदगानी रे-आह १९५३
गायक - मुकेश
गीतकार-शैलेन्द्र
संगीतकार -शंकर जयकिशन
फिल्म -आह
वर्ष-१९५३
श्रेणी-तांगा गीत
* परदे पर तांगे में गायक मुकेश स्वयं हैं.
गीत के बोल:
छोटी सी ये ज़िंदगानी रे
चार दिन की जवानी तेरी
हाय रे हाय
ग़म की कहानी तेरी
छोटी सी ये ज़िंदगानी रे
चार दिन की जवानी तेरी
हाय रे हाय
ग़म की कहानी तेरी
शाम हुई ये देश बीराना
तुझ को अपने बलम घर जाना,
सजन घर जाना
शाम हुई ये देश बीराना
तुझ को अपने बलम घर जाना,
सजन घर जाना
राह में मूरख मत लुट जाना,
मत लुट जाना
छोटी सी ये ज़िंदगानी रे
चार दिन की जवानी तेरी
हाय रे हाय
ग़म की कहानी तेरी
छोटी सी ये ज़िंदगानी रे
चार दिन की जवानी तेरी
हाय रे हाय
ग़म की कहानी तेरी
बाबुल का घर छूटा जाये
अखियन घोर अँधेरा छाये,
जी दिल घबराये
आँख से टपके दिल का खज़ाना
दिल का खज़ाना
छोटी सी ये ज़िंदगानी रे
चार दिन की जवानी तेरी
हाय रे हाय
ग़म की कहानी तेरी
छोटी सी ये ज़िंदगानी रे
चार दिन की जवानी तेरी
हाय रे हाय
ग़म की कहानी तेरी
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Chhoti si ye zindagani-Aah 1953
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