रुक भी जाओ जाना-दिल की बाज़ी १९९३
एक मधुर गीत सुना जाए फिल्म दिल की बाज़ी से। उदित नारायण
ज़रूर धन्य हुए होंगे जब गायन के क्षेत्र में उनसे कई पीढ़ी बुजुर्ग
लता मंगेशकर के साथ उनको गीत गाने का मौका मिला होगा। आज
उदित नारायण एक स्थापित गायक है और उन्होंने बहुत सी गायिकाओं
के साथ गाने गा लिए हैं।
संगीतकार राम लक्ष्मण(विजय पाटिल) ने फिल्म मैंने प्यार किया के बाद
भी कई फिल्मों में लता से गाने गवाए हैं। वे लता के उन भक्तों में से
हैं कि नयी पीढ़ी की गायिकाएं मौजूद होने के बावजूद वे, जब तक लता
गाने सा मन न कर दें, कोशिश में रहते हैं सारे गीत उन्हीं से गवा लें.
इसकी एक वजह मैंने प्यार किया के गीतों की अपार सफलता भी हो
सकती है। उनकी वजह से लता मंगेशकर के गीत १९८९-१९९३ के बीच
खूब सुनाई दिए।
गीत लिखा है शैली शैलेन्द्र ने और इसमें जो कलाकार दिखाई दे रहे हैं
उनके नाम हैं-अविनाश वाधवान और फरहीन पर। फिल्म का निर्देशन
अनिल गांगुली ने किया है-वही कोरा कागज़ वाले ।
गीत के बोल:
रुक भी जाओ जाना
दिल को न तडपाना
रुक भी जाओ जाना
दिल को न तडपाना
अभी अभी आई हो तुम
जाने का नाम न लेना
जाने दो जाने जाना
करूंगी क्या मैं बहाना
जाने दो जाने जाना
करूंगी क्या मैं बहाना
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Ruk bhi jao jaana-Dil ki baazi 1993
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