चंपा चमेली-गाय और गोरी १९७३
गया है जया भादुड़ी और साथी कलाकारों पर। गीत लता मंगेशकर की
आवाज़ में है और ऊंचे सुर से शुरू होता है। नटखटिया अंदाज़ वाला ये
गीत एक बैलगाडी में बैठ के गाया जा रहा है ।
गीत में रामू और श्यामू नामक दो बैल भी अभिनय कर रहे हैं। गीत
के रचयिता हैं आनंद बक्षी और धुन तैयार की लक्ष्मी प्यारे ने ।
गीत के बोल:
चंपा चमेली काहे सहेली
हम निकली अकेली
रुत ऐसी जैसे कोई पहेली
पांव में पायल होंठों पे राग
भाग भाग भाग
भाग भाग भाग भाग
भाग मेरे रामू
जाग मेरे श्यामू
भाग मेरे रामू जाग मेरे श्यामू
चल जल्दी से चल
लंबी डगर छोटी उमर
अनमोल हर एक पल
चल चल चल चल
भाग मेरे रामू जाग मेरे श्यामू
चल जल्दी से चल
लंबी डगर छोटी उमर
अनमोल हर एक पल
चल चल चल चल
भाग मेरे रामू जाग मेरे श्यामू
ऐसे न चल हौले हौले
लंबा सफर गिन डोले , डोले
ऐसे न चल हौले हौले
लंबा सफर गिन डोले
घूंघट न खोले गोरी शर्माए हाय
रस्ते में किसी से नज़र न लड़ जाए
हो अम्बर पे बादल धरती पे आग
भाग भाग भाग भाग
भाग मेरे रामू
जाग मेरे श्यामू
चल जल्दी से चल
लंबी डगर छोटी उमर
अनमोल हर एक पल
चल चल चल
भाग मेरे रामू जाग मेरे श्यामू
पीछे शहर गांव आगे
दैया री दैया डर लागे, लागे
पीछे शहर गांव आगे
दैया री दैया डर लागे
रूप के चोरों की है ये नगरिया
मेले से मैं लायी मलमल की चुनरिया
हो, मुखड़े पे झूमे जुल्फों के नाग
भाग भाग भाग भाग
भाग मेरे रामू
जाग मेरे श्यामू
चल जल्दी से चल
लंबी डगर छोटी उमर
अनमोल हर एक पल
चल चल चल
भाग मेरे रामू जाग मेरे श्यामू
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Champa chameli-Gaai aur gori 1973
Artist: Jaya Bhaduri
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