आपकी याद आती रही-गमन १९७८
समृद्ध, अनगढ़, अल्हड और फूहड़. ये श्रेणियाँ मुझे इतने सालों के दौरान
हुए अनुभवों के आधार पर दिमाग में उपजी हैं. इन अनुभवों को बढाने में
कई संगीत प्रेमियों, संगीत समीक्षाकारों और संगीतकारों का योगदान रहा
है. संगीतकार जयदेव समृद्ध देसी संगीत के प्रतिनिधि हैं. उनके संगीत में
भारतीय उपमहाद्वीप की मिटटी और संस्कृति की खुशबू हमेशा आती रही.
उनके योगदान को भुलाया जाना संगीत रसिकों के लिए असंभव सा है.
उनके संगीत निर्देशन में सन १९८० में एक अल्बम आया था-फिल्म गमन
के गीतों का. गीत किसने गाया ये मायने बिलकुल भी नहीं रखता था
श्रोताओं के लिए क्यूंकि अधिकांश को ये नहीं मालूम था कि इस गीत को
छाया गांगुली नामक गायिका ने गाया है. ये शायद अब भी कईयों को
नहीं मालूम है. एक लीक से हट कर अच्छा गीत बनाया था जयदेव ने जो
ख़ासा लोकप्रिय हुआ था. महानगर में महत्वाकांक्षी युवकों की दो वक्त की
रोटी के लिए जारी जद्दो-जहद देखने लायक थी इस फिल्म में.
मखदूम मोइउद्दीन की रचना को स्वर दिया है छाया गांगुली ने जिन्होंने
हिंदी फिल्मों में बहुत ही कम गीत गाये हैं. गीत फिल्माया गया है हिंदी
सिनेमा की सबसे प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक स्मिता पाटिल पर.
गौर तलब है जयदेव को इस फिल्म के संगीत के लिए राष्ट्रीय फिल्म
पुरस्कार प्रदान किया गया था और प्रस्तुत गीत के लिए छाया गांगुली को
भी पुरस्कर से नवाज़ा गया था.
गीत के बोल:
आपकी याद आती रही रात भर
चश्मे-नम मुस्कुराती रही रात भर
आपकी याद आती रही
रात भर दर्द की शाम जलती रही
रात भर दर्द की शाम जलती रही
गम की लौ थरथराती रही रात भर
गम की लौ थरथराती रही रात भर
आपकी याद आती रही
बांसुरी की सुरीली सुहानी सदा
बांसुरी की सुरीली सुहानी सदा
याद बन बन के आती रही रात भर
याद बन बन के आती रही रात भर
आपकी याद आती रही
याद की चांदनी दिल में उतरती रही
याद की चांदनी दिल में उतरती रही
चांदनी डगमगाती रही रात भर
चांदनी डगमगाती रही रात भर
आपकी याद आती रही
कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई दीवाना गलियों में फिरता रहा
कोई आवाज़ आती रही रात भर
कोई आवाज़ आती रही रात भर
आपकी याद आती रही
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Aapki yaad aati rahi-Gaman 1978
Artist: Smita Patil
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