Dec 25, 2011

अकेले हैं चले आओ जहाँ(रफ़ी)-राज़ १९६७

लोकप्रिय दर्द भरा गीत है ये फिल्म राज़ से. रफ़ी
की आवाज़ वाला गीत जिसे शमीम जयपुरी ने लिखा
है राजेश खन्ना पर फिल्माया गया है. हरियाली से
भरपूर दृश्यों से भरपूर है ये गीत.

हरियाली के बीच यूँ तो खुशनुमा और रोमांटिक गीत
ज्यादा फिल्माए जाते हैं या फिलोसॉफी से लबरेज़. ये
उस लिहाज से कुछ अलग है. ८० के दशक की फिल्म
प्यार झुकता नहीं में भी एक दर्द भरा गीत वादियों
में फिल्माया गया है.



गीत के बोल:

अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
कहाँ आवाज़ दें तुमको कहाँ हो
अकेले हैं चले आओ जहाँ हो

तुम्हें हम ढूँढते हैं हमें दिल ढूँढता है
तुम्हें हम ढूँढते हैं हमें दिल ढूँढता है
न अब मंज़िल है कोई न कोई रास्ता है

अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
कहाँ आवाज़ दें तुमको कहाँ हो
अकेले हैं

ये तन्हाई का आलम और इस पर आपका ग़म
ये तन्हाई का आलम और इस पर आपका ग़म
न जीते हैं न मरते बताओ क्या करें हम

अकेले हैं चले आओ जहाँ हो
कहाँ आवाज़ दें तुमको कहाँ हो
अकेले हैं
……………………………………..
Akele hain chale aao(Rafi)-Raaz 1967

Artist: Rajesh Khanna

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