Mar 30, 2012

तेरी तस्वीर को सीने से-सावन को आने दो १९७९

कबीर वाणी से ये गीत शुरू होता है. कबीर के सर्वाधिक
लोकप्रिय दोहों में से एक है पोथी वाला. इसका उदाहरण
फ़िल्मी गीतों में ४-५ वाकये पर मैंने महसूस किया है.
वो गाने याद नहीं आ रहे.

फिलहाल को सुनते हैं फ़ौक जामी का लिखा ये गीत जिसे
येसुदास ने राजकमल की धुन पर गाया है.

फिल्म के लिए संगीतकार राजकमल ने कई गीतकारों की
सेवाएं ली. राजकमल प्रयोगधर्मी संगीतकार रहे हैं और उन्हें
राजश्री के अलावा किसी बड़े बैनर ने इनवाईट नहीं किया.

गांव का बिरजू शहर जा कर बड़ा नामवाला आदमी बन
वापस गांव लौटता है एक स्कूल के कार्यक्रम के मुख्य
अतिथि के तौर पर. उसकी प्रेमिका जो कभी उसकी प्रेरणा
रही, सामने मास्टरनी के रूप में खड़ी है. समय ने दोनों
के बीच दूरियां बढ़ा दी थीं जो इस गीत के समाप्त होते
ही दूर हो जाने वाली हैं. मार्मिक दृश्य है. खुशी के आंसू
कैसे निकाले जाएँ ये अमरीश पुरी से सीखें बॉलीवुड के
भाई लोग.



गीत के बोल:

पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पण्डित भया न कोय
ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पण्डित होय

तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है
हमने दुनिया से अलग गाँव बसा रखा है
तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है

मेरी किस्मत की लकीरों को सजाया तूने
मेरी किस्मत की लकीरों को सजाया तूने
एक नाचीज़ को फ़नकार बनाया तूने
मैंने हर बोल तेरा दिल में सजा रखा है
हमने दुनिया से अलग गाँव बसा रखा है

तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है

मैं ने गीतों से छवि तेरी बनाई बरसों
मैं ने गीतों से छवि तेरी बनाई बरसों
दूर रह कर तुझे आवाज़ सुनाई बरसों
किसलिये तूने मुझे ग़ैर बना रखा है
हमने दुनिया से अलग गाँव बसा रखा है

तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है

तुझको दिन रात खयालों में है पूजा मैंने
तुझको दिन रात खयालों में है पूजा मैंने
तेरे पैरों के निशाँ पर किया सजदा मैं ने
बन्दगी में तेरी सर अब भी झुका रखा है
बन्दगी में तेरी सर अब भी झुका रखा है
हमने दुनिया से अलग गाँव बसा रखा है

तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है
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Teri tasveer ko sense se laga rakha-Sawan ko aane do 1979

Artists: Arun Govil, Zarina Wahab

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