Apr 9, 2012

ये जब से हुई जिया की चोरी-उस पार १९७४

७० के दशक में हमें सॉफ्ट और फीलगुड सिनेमा काफी
दिखलाई दिया. इनमें से अधिकांश फ़िल्में बासु चटर्जी
द्वारा निर्देशित हैं. फिल्म उस पार की कहानी में प्रेम है
और बिछुडन भी.

बासु चटर्जी की फिल्मों के पात्र सहज लगते हैं, चेहरे
पर जबरन खिंचाव नहीं दिखता. उसके अलावा उन्हें
शायद नेचुरल एक्टिंग वाले कलाकार काफी पसंद आते
थे.

फिल्म तुम्हारे लिए तक जितनी भी फ़िल्में सत्तर
के दशक में उन्होंने बनाईं, कहानी के किसी भी पात्र
से शायद ही दर्शक को घृणा हुई हो. उनकी फिल्मों
का विलन भी सॉफ्ट किस्म का विलन है.

मौसमी चटर्जी और विनोद मेहरा के बीच मनमोहक
मुस्कान की प्रतियोगिता चल रही है इस गीत में.
वही हाल बोल और धुन का भी है. योगेश को फिल्म
जगत में ज़्यादा और बेहतर अवसर मिलने थे.



गीत के बोल:

हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
हा आ आ आ आ आ आ
ये जब से हुई जिया की चोरी
पतंग सा उड़े ये मन जो है तेरे हाथों में डोरी
ये जब से हुई जिया की चोरी
पतंग सा उड़े ये मन जो है तेरे हाथों में डोरी
ये जब से हुई
…………………………………………….
Ye jab se hui-Us paar 1974

Artists: Mausami Chatterji, Vinod Mehra

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