हवा चले कैसे-दाग १९७३
दाग से. गीत में प्रश्न ज़रूर पूछा जा रहा है मगर ये
कैसे चलती है उस पर थोडा कंफ्यूज़न बचा रह जाता है.
अब ये विज्ञान की पाठशाला तो है नहीं जहाँ प्रकृति के
सारे फेनो मीना-टीना-रीना के बारे में बतला दिया जाए.
साहिर के बोल, लक्ष्मी का संगीत और लता की आवाज़
के संगम से बना है ये कातिलाना गीत.
गीत के बोल:
हवा चले कैसे
हवा चले कैसे
ना तू जाने
ना मैं जानूं
जाने वो ही जाने
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Hawa chale kaise-Daag 1973
Artist: Sharmila Tagore, Dher saare bachche
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