सैयां रूठ गए-मैं तुलसी तेरे आँगन की १९७८
जाता है. यहाँ इसका तात्पर्य संतृप्त होने से है. बोर होने
से कतई नहीं. एक ही शब्द के अनेक अर्थ होने से सब
अपने अपने मतलब के अर्थ समझते हैं.
मुख्य धारा के सिनेमा में ५० के दशक ७० के दशक तक
दो गायिकाएं प्रमुख थीं-लता और आशा. दूसरी महिला
गायिकाएं अपनी उपस्थिति कम दर्ज करा पाती थीं. इस
सब के चलते कुछ गीत अपना प्रभाव समय के साथ
छोड़ते चले जो दूसरी गायिकाओं द्वारा गाये गए हैं.
कुछ लोकप्रिय उदाहरण हैं ७० के दशक के:
गीत के बोल:
सैयां रूठ गये
सैयां रूठ गये
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Saiyan rooth gaye-Main Tulsi tere aangan ki 1978
Artists: Asha Parekh
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