बेईमान बेदर्दी-तेरे मेरे बीच में १९८४
हमने कहा-न लो तो अच्छा रहेगा. बिन मोबाइल सरदर्द
कम है जो और बढ़ा रहे हो. इस पर वे बोले न-न, मेरे पास
पहले से ही एक हैण्ड सेट है, नया लेने का सोच रहा हूँ.
हमने फिर जवाब दिया- सरदर्द की नयी किस्म ढूंढ रहे हो,
ढूंढ लो. कौनसा लेने का विचार है, हमने पूछा. वे बोले-
एंड्रोइड लेना है. कारण- उसपर व्हाट्सएप और फेसबुक चल
जाते हैं. उन्होंने ले ही लिया और फिर लगे दे-दना-दन गुड
मोर्निंग एस एम् एस भेजने. उनके एक मेसेज से मुझे ये गीत
याद आया- दादा कोंडके की प्रथम हिंदी फिल्म से जो सन १९८४
में आई थी. गीत फिल्माया गया है उषा चव्हाण पर. गायिका हैं
उषा मंगेशकर, गीत लिखा है रवींद्र रावल ने और संगीत है राम
लक्ष्मण का. गाने में आपको दादा कोंडके भी दिखाई दे जायेंगे.
अमजद खान बैरे की भूमिका में हैं.
गीत के बोल:
बेईमान बेदर्दी
मैं तोरी बतियाँ न मानूं जा, जा जा
तोरी बतियाँ न मानूं जा,
अरे जा रे, तोरी बतियाँ न मानूं जा
बेईमान बेदर्दी
मैं तोरी बतियाँ न मानूं जा, जा जा
तोरी बतियाँ न मानूं जा,
अरे जा रे, तोरी बतियाँ न मानूं जा
जी में आये काहे तोसे नेहा लगे
नींद भी खोयी चैन भी खोया, हाय रे
आते जाते ताना मारे अपने पराये
राह में मोसे अब चला नहीं जाए रे
तूने कर दी है हालत ऐसी
हुई अपनी गली में परदेसी
अरे पीला वाला नहीं है तो काला वाला हाथों में है,
इसका तो मजा चखो जी, मजा चखो जी
बेईमान बेदर्दी
मैं तोरी बतियाँ न मानूं जा, जा जा
तोरी बतियाँ न मानूं जा,
अरे जा रे, तोरी बतियाँ न मानूं जा
सारी सारी रतियाँ मोहे जगाए
लाख मैं जोड़ूँ हाथ वो मेरी न सुने
रतजगा तेरा तुझको मुबारक
कोई देगा तेरा साथ भी कब तक
अरे अभी तो लिया था फिर मांगते हो दूसरा भी
थोडा सोचो जी, थोडा सोचो जी, थोडा सोचो जी,
बेईमान बेदर्दी
मैं तोरी बतियाँ न मानूं जा, जा जा
तोरी बतियाँ न मानूं जा,
अरे जा रे, तोरी बतियाँ न मानूं जा
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Beimaan bedardi-tere mere beech mein 1984
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