तुम खूबसूरत हो- प्रेम १९९५
बावजूद नहीं आती क्या किया जाए. पुनर्जन्म की अवधारणा
पर बनी फिल्म प्रेम संजय कपूर की पदार्पण फिल्म थी. इसमें
उनके साथ नायिका के तौर पर हैं-तब्बू. कपूर बहनों- करिश्मा
और करीना की तरह ही तब्बू अपनी बड़ी बहन फरहा से ज्यादा
प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं. तब्बू ने सामानांतर सिनेमा में भी अपनी
पहचान कायम की है. कुछ समय से वे रुपहले परदे पर दिखाई
नहीं दे रही हैं.
गीत पर फिर से लौटा जाए- आत्ती नहीं. इस गीत पर मिमिक्री
कलाकारों ने काफी मजे किये. विरेचन चूर्ण की उपयोगिता बतलाने
वाली सी पंक्तियाँ काफी समय चर्चा का विषय बनी रहीं. गीत
बक्षी साहब ने लिखा है जिसे नलिन दवे ने गाया है. संगीत है
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का. सन १९९५ की फिल्म है प्रेम. ९५ को
भी गुज़रे १९ साल हो गए हैं. अब तो संजय कपूर भी दिखना
बंद हो गए हैं.
गीत के बोल:
तुम खूबसूरत हो तुम हसीं हो
मगर माफ करना तुम वो नहीं हो
जो याद आती है मगर आती नहीं आती नहीं
सामने है पर नज़र आती नहीं आती नहीं
याद आती है मगर आती नहीं आती नहीं
सामने है पर नज़र आती नहीं आती नहीं
आती नहीं आती नहीं
आज तक मैंने उसे देखा नहीं
आज तक मैंने उसे देखा नहीं
आज तक उसने मुझे देखा नहीं
नींद फिर भी रात भर आती नहीं आती नहीं
सामने है पर नज़र आती नहीं आती नहीं
आती नहीं आती नहीं
खत कई आते हैं मेरे नाम के
हो मेरे नाम के
खत कई आते हैं मेरे नाम के
हर खत सुनता हूँ मैं दिल थाम के
हो दिल थाम के
पर कोई उसकी खबर आती नहीं आती नहीं
सामने है पर नज़र आती नहीं आती नहीं
आती नहीं आती नहीं
इन अंधेरों में उजालों में कभी
इन अंधेरों में उजालों में कभी
मिलती है जब वो ख्यालों में कभी
ख्यालों में कभी
करती है वादा मगर आती नहीं आती नहीं
सामने है पर नज़र आती नहीं आती नहीं
याद आती है मगर आती नहीं आती नहीं
सामने है पर नज़र आती नहीं आती नहीं
आती नहीं आती नहीं
आती नहीं वो आती नहीं
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Tum khoobsurat ho,,aati nahin-Prem 1995
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