मैं तेरा मजनू तू मेरी लैला-आग १९९४
फल सब्जी पर तो नहीं मगर ज़माने से शिकायत वाला है.
प्रेमियों से जलने वाले लोग बहुत होते हैं, कुछ सुलग जाया
करते हैं, कुछ कोयला हो जाते तो कुछ जल-भुन के राख
हो जाते हैं. इस संदेशात्मक संगीतमय प्रक्रिया में कड़वे
करेले का जिक्र है, शब्द जो उपमा स्वरुप प्रयोग किया गया
है इधर.
गीतकार समीर हैं और संगीत दिलीप सेन समीर सेन का.
इसे कुमार सानु और पूर्णिमा(सुषमा श्रेष्ठ) ने गाया है. गीत
में ढेर सारे सहायक कलाकार हैं और ये कॉलेज जैसी किसी जगह
पर गाया जा रहा है ऐसा अनुमान है. आपने कई फिल्मों
में गोविंदा के साथ शक्ति कपूर को मित्र भूमिका में देखा होगा,
इधर उसका उल्टा है.
गीत के बोल:
मैं तेरा मजनू तू मेरी लैला
आया कहाँ से कड़वा करेला
इश्क है, हाँ हाँ इश्क है
इश्क है, हाँ हाँ इश्क है
हे, तू मेरा मजनू मैं तेरी लैला
आया कहाँ से कड़वा करेला
इश्क है हाँ हाँ इश्क है
जब दो दिलवाले मिलते हैं तो
जलने वाले जलते हैं
जब दो दिलवाले मिलते हैं तो
इश्क है, हाँ ये इश्क है
जलने वाले जलते हैं
कांटे क्यूँ लोग चुभोते हैं
जब फूल वफ़ा के खिलते हैं
इश्क है हाँ हाँ इश्क है
इश्क है हाँ हाँ इश्क है
क्यूँ दुश्मन है दुनिया इस प्यार की
इस प्यार की, हाँ इस प्यार की
ना छोड़ेंगे बाहें हम यार की
हम यार की, यारों हम यार की
हमें रोको न तुम, हम रुकते नहीं
किसी के सामने कभी झुकते नहीं
अरे मैं तेरी छम्मो मैं तेरा छैला
काहे करे ये हमसे झमेला
इश्क है हाँ हाँ इश्क है
इश्क है हाँ हाँ इश्क है
अरे एक तरफ गंगा एक तरफ सागर
बीच में आया कहाँ से ये नाला
छोड़ न देना हाय हाय छोड़ न देना
हाय हाय हट परे तू ओ तेरे कीड़े पड़ें
हाय हाय माटी मिले, ओ तेरे झाड़ू पड़ें
आशिकों को मिला तेरा होगा भला
होगा भला तेरा, होगा तेरा होगा भला
होंगे बच्चे तो तुझको देंगे दुआ
देंगे दुआ हाँ देंगे दुआ
हो काहे पीछे पड़ा क्यूँ है जिद पे अड़ा
मान जा मेरी जान छोड़ दे ये गुमां
ये तेरा जानू तू उसकी जुम्मा
दे दे इसे प्यार का एक चुम्मा
इश्क है हाँ हाँ इश्क है
इश्क है हाँ हाँ इश्क है
इश्क है हाँ हाँ इश्क है
.................................................................
Main tera majnu too meri laila-Aag 1994
Artists: Govinda, Sonali Bendre, Shakti Kapoor
0 comments:
Post a Comment