Feb 28, 2015

दिल से दिल की डोर बाँधे-छाया १९६१

रोमांटिक गीत बनाने का हर संगीतकार का अपना अंदाज़ होता
था हिंदी फिल्म संगीत के स्वर्णिम काल में. कोई शांत सा बनाना
पसंद करता था तो कोई शोरगुल वाला. किसी को वाद्य यंत्रों के
अनूठे प्रयोग में आनंद आता था. सलिल चौधरी ने भी कई रोमांटिक
गीतों की धुनें बनायीं. उनके लोकप्रिय गीतों में से एक है फिल्म छाया
का गीत जिसे लता और मुकेश ने गाया है. सुनील दत्त और आशा पारेख
पर फिल्माए गए इस गीत को  लिखा है राजेंद्र कृष्ण ने. फिल्म छाया
सन १९६१ में रिलीज़ हुई थी यानि आज से ठीक ५४ साल पहले.गति 
के लिहाज़ से काफी ऊर्जावान गीत है ये.





गाने के बोल:

दिल से दिल की डोर बाँधे
चोरी चोरी जाने हम तुम तुम हम
संग संग चले आज कहाँ आज कहाँ

दिल से दिल की डोर बाँधे
चोरी चोरी जाने हम तुम तुम हम
संग संग चले आज कहाँ आज कहाँ

कदम मिला कर चलें उधर
ले के चले ये प्यार जिधर
प्यार के राही तू ही बता
खतम कहाँ होगा ये सफर
कदम मिला कर चलें उधर
ले के चले ये प्यार जिधर
प्यार के राही तू ही बता
खतम कहाँ होगा ये सफर
जहाँ पे गाये दिल की सरगम
झूम झूम कोई हम तुम तुम हम
संग संग चले आज वहाँ आज वहाँ

दिल से दिल की डोर बाँधे
चोरी चोरी जाने हम तुम तुम हम
संग संग चले आज कहाँ आज कहाँ

हो, नयी सी दुनिया नया समां, छुपा हुआ था प्यार कहाँ
हो, नयी सी दुनिया नया समां, छुपा हुआ था प्यार कहाँ
छुपा हुआ था यहीं कहीं, खबर ये दिल को मगर नहीं
छुपा हुआ था यहीं कहीं, खबर ये दिल को मगर नहीं
हटाओ पर्दा, प्यार जागा, 
चलो बसा लें हम तुम तुम हम
संग संग एक नया जहाँ, नया जहाँ

दिल से दिल की डोर बाँधे
चोरी चोरी जाने हम तुम तुम हम
संग संग चले आज कहाँ आज कहाँ

कली भी पहले फूल हुई फिर वो किसी की भूल हुई
चमन रहे ये खिल खिला दिल हो दिल से मिला मिला
कली भी पहले फूल हुई फिर वो किसी की भूल हुई
चमन रहे ये खिल खिला दिल हो दिल से मिला मिला
मिली है मंजिल जिंदगी को फिर भी पूछें
हम तुम तुम हम संग संग अब चलें कहाँ चलें कहाँ 

दिल से दिल की डोर बाँधे
चोरी चोरी जाने हम तुम तुम हम
संग संग चले आज कहाँ आज कहाँ
.............................................................................
Dil se dil ki dor bandhe-Chhaya 1961

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP