आज से चैत्र नवरात्र २०१५ का शुभारंभ हुआ है. शक्ति की आराधना का पर्व. आज के दिन से पंचांग व हिंदी कैलंडर के नए साल की शुरुआत भी होती है. पर्व को गुडी पड़वा के रूप में भी मनाया जाता है. शक संवत १९३७ व विक्रम संवत २०७१ की शुरुआत हो रही है. दिन है चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा. आज २१ तारीख को एक और हर साल दो बार आने वाला क्षण है-वर्नल इक्विनोक्स. इस दिनांक को दिन और रात का मान बराबर होगा. हिंदी में इसे वसंत विषुव कहा जाता है.
गीत के बोल:
जय माता दी
हे अम्बे बलिहारी लगे सबको तू प्यारी
तेरी शेरों की सवारी देखें सब नर नारी
हे अम्बे बलिहारी लगे सबको तू प्यारी
तेरी शेरों की सवारी देखें सब नर नारी
अष्ट भुजाएं वेश अनोखा खड्ग तेग है तेरी शोभा
तेरे जैसा कोई न होगा माँ अब ऑंखें खोल
जय माता दी जय माता दी जय माता दी बोल
जय माता दी जय माता दी जय माता दी बोल
जय माता दी जय माता दी जय माता दी बोल
हे माता कोहराम मचा है कठिन घडी है
जगदम्बे तू जाग के मुश्किल आन पड़ी है
फूँक के अपना देश आग जो सेंक रहे हैं
कर उनका संहार वतन जो बेच रहे हैं
कई शुम्भ निशुम्भ मारे तूने
कई दैत्य यहाँ जन्मे हैं फिर से
माँ अम्बे त्रिशूल तो ले तू उनपे बिजली बन के गिर
अष्ट भुजाएं वेश अनोखा खडग तेग है तेरी शोभा
तेरे जैसा कोई न होगा माँ अब ऑंखें खोल
जय माता दी जय माता दी जय माता दी बोल
जय माता दी जय माता दी जय माता दी बोल
जय माता दी जय माता दी जय माता दी बोल
करे भरोसा कोई यहाँ पे किस व्यक्ति का
लोग यहाँ पे ढोंग रचाते हैं भक्ति का
ये सारी धरती माता दरबार है तेरा
इस धरती पर लगा हुआ है पाप का डेरा
हे शक्ति माँ खप्पर वाली हे अमर अजेय अखंड रूप
हे जगदम्बे हे महाकाली फिर धर ले तू प्रचंड रूप
अष्ट भुजाएं वेश अनोखा खडग तेग है तेरी शोभा
तेरे जैसा कोई न होगा माँ अब ऑंखें खोल
जय माता दी जय माता दी जय माता दी बोल
जय माता दी जय माता दी जय माता दी बोल
जय माता दी जय माता दी जय माता दी बोल
................................................... Jai Mata Di….He Ambe Balihari-Kohram 1999
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