Mar 5, 2015

होली आई रे कन्हाई-मदर इण्डिया १९५७

आज होली का पर्व है. होली का त्यौहार हमारे देश में धूम धाम से
मनाया जाता है. होली का इतिहास सदियों पुराना है. एक पूरी
वेबसाईट होली पर बनी हुयी है. विस्तार से जानकारी वहां मिलेगी
आपको-होलीउत्सव . इस ब्लॉग के पाठकों और मित्रों को होली की
शुभकामनाएं.

बरसों पहले बनी फिल्म मदर इण्डिया जो एक चेतना को जगाने वाली
फिल्म थी, से ये गीत लिया गया है. फिल्म के गंभीर कथानक वाली
होने के बावजूद इसमें होली वाला हल्का फुल्का मगर गरिमामय गीत है.
शकील बदायूनी के बोलों को संगीत से संवारा है नौशाद ने. इसे गाया है
शमशाद बेगम ने. गीत एक कोरस गीत है जिसमें आपको पुरुष और नारी
दोनों प्रकार के कोरस की ध्वनियाँ सुनाई देंगी. ज़ाहिर है इस गीत ने कई
लोगों को रोज़गार प्रदान करवाया होगा.

इस ब्लॉग पर आप मदर इण्डिया के चार गीत पहले सुन चुके हैं.
ये पांचवा गीत है.



गीत के बोल:

होली आई रे कन्हाई, होली आई रे
होली आई रे कन्हाई
रंग छलके सुना दे ज़रा बांसुरी

होली आई रे कन्हाई
रंग छलके सुना दे ज़रा बांसुरी
होली आई रे, आई रे, होली आई रे

बरसे गुलाल रंग मोरे आंगनवा
अपने ही रंग में रंग दे मोहे सजनवा
हो देखो नाचे मोरा मनवा
बरसे गुलाल रंग मोरे आंगनवा,
जी मोरे आंगनवा
अपने ही रंग में रंग दे मोहे सजनवा
तोरे कारन घर से आई, तोरे कारन हो
तोरे कारन घर से आई हूँ निकल के
सुना दे ज़रा बांसुरी

होली आई रे कन्हाई
रंग छलके सुना दे ज़रा बांसुरी
होली आई रे, आई रे, होली आई रे

छूटे ना रंग ऐसी रंग दे चुनरिया
धोबन ये धोये चाहे सारी उमरिया
हो मन को रंग देगा साँवरिया
छूटे ना रंग ऐसी रंग दे चुनरिया, जी
रंग दे चुनरिया
धोबन ये धोये चाहे सारी उमरिया
मोहे भाये ना हरजाई, मोहे भाये ना
मोहे भाये ना हरजाई
रंग हलके सुना दे ज़रा बांसुरी

होली आई रे कन्हाई
रंग छलके सुना दे ज़रा बांसुरी

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Holi aayi re-Mother India 1957

Artists: Nargis, Rajkumar, Sunil Dutt, Rajendra Kumar

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