तेरी दुनिया में जीने से-घर नंबर ४४ १९५५
दर्द भरा. किसी गीत में मस्ती है तो किसी में शरारत
सब गीतों का अपना आनंद है. कोई उपदेशात्मक गीत
तो कोई हास्य गीत. हिंदी फिल्मों में कोई रंग शायद
ही बचा हो जिसपर गीत न बना हो सिवाए मंगल ग्रह
की यात्रा के वृत्तान्त के. आपको आज सुनवा रहे हैं एक
किलासिक गीत फिल्म घर नंबर ४४ से. कुछ दर्द है
गीत में . बहुत नपे तुले अंदाज़ में दर्द बयां हो रहा है.
इससे सोबर अंदाज़ मिल जाए आपको तो ज़रूर साझा
कीजिये. हेमंत कुमार की आवाज़ ने जो इस गीत को
ग्रेस प्रदान किया है वो कल्पना के परे वाली चीज़ है.
अब साहिर के बोल और बर्मन दादा का संगीत हो और
आनंद न आये, ये भला कैसे संभव है. उनके गीतों पर
तो बनते ही समय ‘ओ के, टेस्टेड गारंटीड’ छपा होता
था. अब आप ये न कहन लग जाना ‘मस्का पालिश
की भी हद होती है’. क्या किया जाये इन्होनें गाने ही
ऐसे बनाये कि पूरी मक्खन की टिकिया मल देने की
इच्छा हो जाती है कभी कभी तो. काला काला सा पर्दा
है साहब, जिन्होंने इस गीत पर देव आनंद की अदायगी
पर कसीदे काढे हैं अभी तक, वे ये बताएं कि इतने
अँधेरे दृश्य में भी उन्हें चेहरे के भाव इतने साफ़ दिखाई
दे गए? यार थोडा तो इमानदारी बरतो पाठकों के साथ.
इतना बेवकूफ न बनाओ कि बेवकूफी भी शरमा जाये.
अगर वाकई देव आनंद को निर्देशक ने अभिनय के इतने
अवसर दिए इस गीत पर तो फिर बड़े से पाईप जिसमें
नायक रह रहा है उसने भी बढ़िया अभिनय किया है, वो
जो सड़क का खम्बा है उसने तो बड़े बड़े एक्टरों के
छक्के छुडा दिए हैं और वो बच्चा जिसने माउथ ओरगन
बजाय है वो बेहद प्रतिभाशाली नज़र आ रहा है और
भविष्य का सुपरस्टार दिखलाई दे रहा है.
वैसे एक बात बता दी जाए-इस गीत में जितना भी अभिनय
नायक ने किया है वो स्वीकार्य है क्यूंकि गीत अभिनय से
ज्यादा दमदार है और हेमंत कुमार को श्रेय दिया जाना चाहिए
इस गीत के लिए.
नायक को गीत गाने के प्रेरणा मिलती है नायिका के
गुनगुनाने से. ये आवाज़ आशा भोंसले की है और इस
जगह कैसे आई उसके लिए हमें किसी पके बाल वाले संगीत
प्रेमी की सेवाएं लेना पड़ेंगी जिसे रिसाले खोद-खोद के पढ़ने
की आदत रही हो.
गीत के बोल:
तेरी दुनियाँ में जीने से, तो बेहतर हैं के मर जायें
वही आँसू, वही आहें, वही गम हैं जिधर जायें
तेरी दुनियाँ में जीने से, तो बेहतर हैं के मर जायें
कोई तो ऐसा घर होता, जहा से प्यार मिल जाता
कोई तो ऐसा घर होता, जहा से प्यार मिल जाता
वही बेगाने चेहरे हैं, जहाँ पहुंचे, जिधर जायें
तेरी दुनियाँ में जीने से, तो बेहतर हैं के मर जायें
अरे ओ आसमां वाले बता, इस में बुरा क्या हैं
अरे ओ आसमां वाले
अरे ओ आसमां वाले बता, इस में बुरा क्या हैं
खुशी के चार झोंके गर, इधर से भी गुजर जायें
तेरी दुनियाँ में जीने से, तो बेहतर हैं के मर जायें
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Teri duniya mein jeene se to-House No. 44
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