May 11, 2015

आवाज़ दो हम एक हैं-देश भक्ति गीत

देश भक्ति गीतों को सुनने में एक अलग आनंद आता है.
हर संगीत प्रेमी को इन्हें अवश्य सुनना चाहिए. ऐसे गीतों
में अतिरिक्त उर्जा सी महसूस होती है, कुछ बोलों की वजह
से और कुछ इनके लिए बनाई गयी विशेष धुनों के कारण.

सुनते हैं एक गैर-फ़िल्मी देशभक्ति गीत जिसे गीतकार और
शायर जां निसार अख्तर ने लिखा है. इस गाया है रफ़ी ने
खय्याम की धुन पर. इसे भारत चीन के युद्ध के वक्त १९६२
में तैयार किया गया था.

शिव खेडा ने एक जगह अपनी प्रस्तुति में कहा था-ये मुफ्त
की आजादी है जिसकी हम लोग कीमत नहीं समझते हैं. इस
आजादी की कीमत है. जो हम खुली हवा में सांस ले पाते हैं
वो सीमा पर तैनात हमारे रक्षक जवानों की बदौलत है. जो
आजादी हमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और वीर जवानों के
वर्षों के संघर्ष की बदौलत प्राप्त हुई है उसकी हम कद्र करें.
उसे कायम रखने के लिए हमारे जवान निरंतर पसीना बहाते
हैं.

हर व्यक्ति को देशभक्ति का पाठ अवश्य पढाया जाना चाहिए
जिससे वो एक जिम्मेदार नागरिक बने.




गीत के बोल:

एक है अपनी ज़मीं, एक है अपना गगन
एक है अपना जहां, एक है अपना वतन

अपने सभी सुख एक हैं, अपने सभी ग़म एक हैं
आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं
आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं


ये वक़्त खोने का नहीं, ये वक़्त सोने का नहीं
जागो वतन ख़तरे में है, सारा चमन खतरे में है
फूलों के चेहरे ज़र्द हैं, ज़ुल्फ़ें फ़िज़ा की गर्द हैं
उमड़ा हुआ तूफ़ान है, नरगे में हिन्दुस्तान है
दुश्मन से नफ़रत फ़र्ज़ है, घर की हिफ़ाज़त फ़र्ज़ है
बेदार हो, बेदार हो, आमादा-ए-पैकार हो

आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं

ये है हिमाला की ज़मीं, ताज-ओ-अजंता की ज़मीं
संगम हमारी आन है, चित्तौड़ अपनी शान है
गुल्मर्ग का महका चमन, जमुना का तट, गोकुल का बन
गंगा के धारे अपने हैं, ये सब हमारे अपने हैं
कह दो कोई दुश्मन नज़र, उठे न भूले से इधर
कह दो के हम बेदार हैं, कह दो के हम तैयार हैं

आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं

उठो जवानां-ए-वतन, बाँधे हुए सर से कफ़न
उठो दकन की ओर से, गंग-ओ-जमन की ओर से
पंजाब के दिल से उठो, सतलुज के साहिल से उठो
महाराष्ट्र की खाक से, दिल्ली की अर्ज़-ए-पाक से
बंगाल से गुजरात से, कश्मीर के बागात से
नेफ़ा से, राजस्थान से, कुल खाक-ए-हिन्दोस्तान से

आवाज़ दो, आवाज़ दो हम एक हैं, हम एक हैं
हम एक हैं, हम एक हैं
हम एक हैं, हम एक हैं
....................................................
Awaaz do ham ek hain-Patriotic non-film song

1 comments:

किताब लिखने वाले,  December 29, 2017 at 11:40 AM  

धन्यवाद

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP