May 10, 2015

जब छाये मेरा जादू-लूट मार १९८०

देव आनंद की फिल्म देस परदेस का संगीत पॉपुलर हुआ.
उसके बाद आई उनकी अगली फिल्म-लूट मार. बहुसितारा
फिल्म देस परदेस जैसी तो नहीं चली मगर इक्का दुक्का
गीत लोकप्रिय हुए. फिल्म का सबसे लोकप्रिय गीत आज
पेश है. ये आज भी बजता है रेडियो के चैनलों पर.

गीत के धुन कैची है और छोटी छोटी पंक्तियों वाला ये गीत
संगीत से कूट कूट के भरा है. ८० का दशक और डिस्को का
बुखार. संगीत के सभी केंद्र लगभग डिस्को के बुखार से तप्त
थे उन दिनों सिवाए क्लासिकल संगीत के मुकामों के.

गीत अमित खन्ना ने लिखा है और इसकी धुन बनाई है
राजेश रोशन ने.




गीत के बोल:

जब छाये मेरा जादू
कोई बच न पाये, हाय

फूलों की नरमी हूँ मैं
शोलों की गर्मी हूँ मैं
तूफ़ानों की हलचल हूँ
हवाओं का आँचल हूँ मैं
जो ढूँढे वो पाये
फिर भी हाथ न आये, हा!
जब छाये मेरा जादू
कोई बच न पाये

कभी मैं दर्द जगाती हूँ
कभी मैं ज़ख़्म मिटाती हूँ
कभी मैं राज़ छुपाती हूँ
कभी ख़ुद राज़ बन जाती हूँ
दुल टूटे, हाँ साथ छूटे
फिर भी तू पीछे आये, हा!
जब छाए मेरा जादू
कोई बच न पाये, हाय

मुझसे तुम टकराना ना
आके यहाँ पछताना ना
मेरा बदन पिघला सोना
जान भी जाये खबर हो न
ये मस्ती, नहीं सस्ती
दिलवाला ही बोली लगाये, हाय!

जब छाये मेरा जादू
कोई बच न पाये
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Jab chhaye mera jadoo-Loot maar 1980

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