बुलबुल बोले अंगना मेरे-धरती पुत्र १९९२
को आपने एक न एक बार अवश्य सुना होगा. ये एक लोकप्रिय
गीत है अलका याग्निक का गाया हुआ. जितने भी गीत हैं शब्द
बुलबुल वाले, सभी लोकप्रिय हैं कुछ एक को छोड़ कर. इसकी
वजह नहीं समझ आई. पुराने गीत को ही ले लीजिए-क़ैद में है
बुलबुल सैय्याद मुस्कुराए-कितना लोकप्रिय हुआ. उससे पुराना
गीत-मेरा बुलबुल सो रहा है, शोरगुल न मचा आज भी लोकप्रिय
है.
गीत के बोल:
बुलबुल बोले
बुलबुल बोले अंगना मेरे
बुलबुल बोले अंगना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
पूछे मुझसे कंगना मेरे
पूछे मुझसे कंगना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
बागों से कलियों से फिजाओं से पूछूं
खुशबू उडाती इन हवाओं से पूछूं
बागों से कलियों से फिजाओं से पूछूं
खुशबू उडाती इन हवाओं से पूछूं
मौसम मिलन का कब आएगा
कब तक मुझे वो तडपायेगा
मेरा परदेसी पिया कब आएगा
क्या पता क्या पता क्या पता
बुलबुल बोले अंगना मेरे
बुलबुल बोले अंगना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
मेरे तो सपनों में है उसका चेहरा
जाने कब आएगा वो बाँध के सेहरा
मेरे तो सपनों में है उसका चेहरा
जाने कब आएगा वो बाँध के सेहरा
बनके दुल्हन मैं मुस्काऊंगी
सज के सजन घर जाऊंगी
सेज सजेगी कब बहकी बहारें
तू बता तू बता तू बता
बुलबुल बोले अंगना मेरे
बुलबुल बोले अंगना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
पूछे मुझसे कंगना मेरे
पूछे मुझसे कंगना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
तू कब आएगा बता सजना मेरे
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Bulbul bole angna mere- Dharti putra 1992
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