आवारापन बंजारापन-जिस्म २००३
ही सुनाई दिया था. एक शब्द ने मुझे आकर्षित किया-खला.
इसका प्रयोग बहुत कम होता है और हुआ है इसलिए ये कुछ
नया सा लगा. इस शब्द का अर्थ है-जगह. यहाँ दूसरे अर्थ
शून्य या खालीपन शायद मतलब के नहीं हैं.
एक और वजह है इस गीत को ध्यान से सुनने की. गायक
कृष्ण कुमार कुन्नथ उर्फ के के से इस गीत को आरामदायक
स्केल पर गवाया गया है. अधिकांश गीतों में वे ऊंची पट्टी की
सीमायें तोड़ने को आतुर सुनाई देते हैं. ये सब संगीतकारों की
माया ही तो है, किस से क्या करवा लें, गवा लें.
संगीतकार एम् एम् क्रीम ने एक बढ़िया धुन बनाई है. गीत के
बोल सईद कादरी के हैं.
गीत के बोल:
आवारापन बंजारापन एक खला है सीने में
आवारापन बंजारापन एक खला है सीने में
हरदम हर पल बेचैनी है कौन बला है सीने में
इस धरती पर जिस पल सूरज रोज सवेरे उगता है
इस धरती पर जिस पल सूरज रोज सवेरे उगता है
अपने लिए तो ठीक उसी पल रोज़ ढला है सीने में
आवारापन बंजारापन एक खला है सीने में
जाने यह कैसी आग लगी है इस में धुँआ ना चिंगारी
जाने यह कैसी आग लगी है इस में धुँआ ना चिंगारी
हो ना हो इस बार कहीँ कोई ख़्वाब जला है सीने में
आवारापन बंजारापन एक खला है सीने में
जिस रस्ते पर तपता सूरज सारी रात नहीं ढलता
जिस रस्ते पर तपता सूरज सारी रात नहीं ढलता
इश्क कि ऎसी राहगुज़र को हमने चुना है सीने में
आवारापन बंजारापन एक खला है सीने में
कहाँ किस के लिए है मुमकिन सब के लिए एक सा होना
कहाँ किस के लिए है मुमकिन सब के लिए एक सा होना
थोडा सा दिल मेरा बुरा है थोडा भला है सीने में
आवारापन बंजारापन एक खला है सीने में
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Awarapan Banjarapan-Jism 2003

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