कसम खा के कहो-दिल है तुम्हारा २००२
कुछ फिल्मों में हमें कुछ अनूठे तरीके भी देखने को मिले हैं इश्क
मोहब्बत की बीमारियों के प्रदर्शन के. किसी में कहा गया है-उछल
के कहो, किसी में कहा गया-कूद के कहो. कहीं सर के बल चल के
कहने की फरमाइश है.
प्रस्तुत गीत भी कुछ ऐसा ही है. बस “तिलमिला के कहो” नहीं कहा
गया है बाकी के सारे शौक पूरे कर लिए गए हैं इस गीत में. इतराना
बल खाना, घूमना इत्यादि. रोचक गीत है ये और एक बार अवश्य
इसे सुनें. युगल गीत को गाया है कुमार सानू और अलका याग्निक ने.
फिल्म का नाम है दिल है तुम्हारा और इस फिल्म के संगीत निर्देशक
हैं नदीम श्रवण. गीतकार एक बार फिर से समीर हैं जिन्होंने संगीतकार
जोड़ी के साथ कई हिट गीत दिए हैं. इस फिल्म के गीत श्रवणीय हैं.
एक बात और-ये कसम श्रेणी वाला गीत है. श्रेणी बनाने के शौक़ीन सुन
रहे हैं न? गीत में कुछ एक्स्ट्रा भी है. दो अभिनेत्रियां हैं और साथ में
एक अभिनेता है-प्रीति जिंटा, महिमा चौधरी और अर्जुन रामपाल. एक
चीज जो कॉमन है वो है ऊबड़ खाबड़ पहाड़ वादियाँ और ऊबड़ खाबड़
गीत की पंक्तियाँ जो १ मीटर से लेकर ५ मीटर लम्बाई की हैं. कुछ
आधुनिक कविता का मज़ा मिल जाता है ऐसे गीतों में.
गीत के बोल:
कसम खा के कहो मुस्कुरा के कहो
दिल लगा के कहो पास आ के कहो
तुमको हमसे प्यार है
शरमा के कहो बल खा के कहो
हाँ कहो न कहो बस कहती रहो
तुमको हमसे प्यार है
एक अजब सी दिल में हसरत होती है तुमको देख के
चाहें तुमको दिल में चाहत होती है तुमको देख के
हमें प्यार करो इकरार करो साँसों में बसा के रख लो
तुम शाम-ओ-सहर दीदार करो ख्वाबों में छुपा के रख लो
नज़र झुका के कहो पलक उठा के कहो
हाँ कहो न कहो बस कहती रहो
तुमको हमसे प्यार है
इक बेचैनी सी होती है अब तो तेरे नाम से
इश्क़ हुआ जब से ना गुज़रा इक लम्हा आराम से
क्या हाल हुआ चाहत में सनम मुश्किल है तुमसे कुछ कहना
है तुमको कसम महबूब कभी आँखों से दूर ना रहना
इतरा के कहो झिलमिला के कहो
हाँ कहो न कहो बस कहती रहो
तुमको हमसे प्यार है
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Kasam kha ke kaho-Dil hai tumhara 2002
1 comments:
कितना अच्छा गीत है, आप खामखाँ इसकी टांग खींच रहे हैं
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