मेहरबान महबूब दिलवर-आंसू बन गए फूल १९६९
अशोक कुमार और हेलन पर. अक्सर हेलन पर फिल्माए
जाने वाले गीत आशा के गाये होते. गीत शानदार है
जिसे असद भोपाली ने लिखा है. ताज भोपाली ने कम
मगर दमदार गीत लिखे हैं फिल्मों के लिए. गीत का
संगीत तैयार किया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने.
सन १९६९ की फिल्म ‘आंसू बन गए फूल’ का कथानक
नयी पीढ़ी के हिसाब से तैयार किया गया लगता है.
उस समय नयी पीढ़ी थोड़ी कड़की की हालत में चलती
थी इसलिए फिल्म नहीं चली. ये लॉजिक मुझे किसी
सफेद बाल वाले साहब से कुछ फिल्मों पर चर्चा के
दौरान सुनाई दिया था. मैंने भी उसे वैसे ही स्वीकार
कर लिया क्यूंकि सन १९६९ में मेरा लॉजिक पूरी तरह
से डेवलप नहीं हुआ था. आइये गीत सुना जाए बाकी
की बक-बक बाद में करेंगे.
गीत के बोल:
मेहरबान महबूब दिलवर जानेमन
मेहरबान महबूब दिलवर जानेमन
आज हो जाए कोई दीवानापन
मेहरबान महबूब दिलवर जानेमन
प्यार की ठंडी आग लगा दो
प्यार की ठंडी आग लगा दो
तन मन में इक धूम मचा दो
तुम पे वारे मेरे कजरारे नयन
मेहरबान महबूब दिलवर जान-ए-मन
मेहरबान महबूब दिलवर जान-ए-मन
जाम बनूँ और लब तक आऊँ
जाम बनूँ और लब तक आऊँ
आँख में मस्ती बन लहराऊँ
रात रानी बन के आई है दुल्हन
मेहरबान महबूब दिलवर जान-ए-मन
मेहरबान महबूब दिलवर जान-ए-मन
कहती है अंगड़ाई कहानी
कहती है अंगड़ाई कहानी
छलकी जाए मस्त जवानी
आज फूलों की तरह टूटे बदन
मेहरबान महबूब दिलवर जानेमन
आज हो जाए कोई दीवानापन
मेहरबान महबूब दिलवर जान-ए-मन
मेहरबान महबूब दिलवर जान-ए-मन
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Mehrbaan mehboob-Ansoo ban gaye phool 1969
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