कितने दिन आँखें तरसेंगी-नया ज़माना १९७१
करने वाले की नज़र चाहिए बस. हिंदी फिल्मों में वे
अभिनेत्रियां ज्यादा मशहूर हुई हैं जिनके चेहरे पर थोड़ी
मासूमियत दिखाई देती है/थी. हेमा मालिनी उनमे से
एक हैं. ये बात दीगर है समय के साथ वो भाव कम
होता चला मगर उनकी शुरूआती फिल्मों में हमें अलग
कोमल भाव देखने को मिले.
लाता के गाये और हेमा के ऊपर फिल्माए गीतों में से
मुझे कुछ बेहद पसंद हैं. आज आपको एक ऐसा ही गीत
सुनवा रहा हूँ जो अतिरिक्त माधुरी वाला है और बर्मन
दादा को एक बार फिर से धन्यवाद इतनी उम्दा धुन के
लिए. धन्यवाद के हक़दार आनंद बक्षी भी हैं जिनके बोल
भी इस गीत में चार चाँद लगाते हैं. गीत को हम फिल्म
का शीर्षक गीत कह सकते हैं क्यूंकि इसमें फिल्म का
नाम आता है.
गीत के बोल:
कितने दिन आँखें तरसेंगी
कितने दिन आँखें तरसेंगी,
कितने दिन यूँ दिल तरसेंगे
एक दिन तो बदल बरसेंगे ऐ मेरे प्यासे दिल
आज नहीं तो कल महकेगी ख्वाबों की महफ़िल
कितने दिन आँखें तरसेंगी
सूने सूने से मुरझाये से हैं क्यूँ उम्मीदों के चेहरे
काँटों के सर पे ही बांधे जायेंगे फूलों के सेहरे
सूने सूने से मुरझाये से हैं क्यूँ उम्मीदों के चेहरे
काँटों के सर पे ही बांधे जायेंगे फूलों के सेहरे
नया ज़माना आयेगा, नया ज़माना आयेगा
कितने दिन, कितने दिन यूँ दिल तरसेंगे
एक दिन तो बदल बरसेंगे ऐ मेरे प्यासे दिल
आज नहीं तो कल महकेगी ख्वाबों की महफ़िल
जिंदगी पर सब का एक सा हक है सब तसलीम करेंगे
सारी खुशियाँ सारे दर्द बराबर हम तकसीम करेंगे
जिंदगी पर सब का एक सा हक है सब तसलीम करेंगे
सारी खुशियाँ सारे दर्द बराबर हम तकसीम करेंगे
नया ज़माना आयेगा, नया ज़माना आयेगा
कितने दिन यूँ दिल तरसेंगे
एक दिन तो बदल बरसेंगे ऐ मेरे प्यासे दिल
आज नहीं तो कल महकेगी ख्वाबों की महफ़िल
कितने दिन आँखें तरसेंगी
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Kitne din aankhen tarsengi-Naya Zamana 1971
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